पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने गुरुवार को भागलपुर में होने वाली अपनी सभा रद्द किए जाने पर नाराजगी जताई है। बुधवार आधी रात को उन्होंने समर्थकों के साथ भागलपुर रेलवे स्टेशन पर धरना दिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा।
नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाए जाने के खिलाफ 'जनादेश अपमान यात्रा' पर निकले तेजस्वी भागलपुर के सबौर में गुरुवार को एक जनसभा संबोधित करने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही जिला प्रशासन ने कार्यक्रम की इजाजत रद्द करते हुए इलाके में धारा 144 लगा दी।
बुधवार की रात भागलपुर पहुंचे तेजस्वी को जब इसकी जानकारी मिली तो वे गुस्से में आ गए और भागलपुर स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए। बाद में पुलिस अधीक्षक उन्हें एक होटल ले गए। सभा रद्द किए जाने से नाराज तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। राजद नेता ने कहा कि उनकी सभा में लोगों की जुट रही भीड़ देखकर मुख्यमंत्री डर गए हैं।
तेजस्वी ने भागलपुर में हुए घोटाले का जिक्र करते हुए कहा, "सृजन से जुड़े लोगों का विसर्जन करने हम यहां आए हैं। जिस तरह से हमारी सभा के लिए मिली अनुमति रद्द कर दी गई, यह विपक्ष के नेता का अपमान है। उन्होंने कहा, "यह मेरे साथ नाइंसाफी है। लोकतंत्र, संविधान और जनादेश की हत्या के लिए नीतीश कुमार को जनता से माफी मांगनी पड़ेगी।"
तेजस्वी ने गुरुवार को ट्वीट कर लिखा, "बिहार मे इतना बड़ा घोटाला हुआ, इतनी बड़ी बाढ़ की त्रासदी है, लेकिन नीतीश जी 28 साल के युवा की सभा रद्द करवाने जैसे अलोकतांत्रिक कामों मे व्यस्त हैं।" उन्होंने नीतीश को चेतावनी देते हुए एक अन्य ट्वीट में लिखा, "सृजन घोटाले के दुर्जनों का विसर्जन करने फिर भागलपुर आऊंगा। नीतीश जी, कितनी सभाएं रद्द करोगे? कितना दम है दमन में तेरे, देखा है, देखेंगे।"
उन्होंने आगे लिखा, "नीतीश जी, क्या जनादेश अपमान यात्रा की जनसभाएं रद्द करवाकर आप सृजन घोटाले की आंच से बच जाएंगे? लोग आपसे जनादेश और सृजन घोटाले का हिसाब मांग रहे हैं। यह चुनावी सभा नहीं थी जो आपने अपनी तानाशाही से रद्द करवा दी। चुनावी सभाएं शुरू होंगी तो आपका सोचना ही बंद हो जाएगा।"