नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने के मौके पर इंडिया टीवी ने विशेष कार्यक्रम 'मंत्री सम्मेलन' का आयोजन किया जिसमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोरोना वायरस, लॉकडाउन, मजदूरों के पलायन पर कई सवालों के जवाब दिए। जलशक्ति मंत्री ने राजस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण और भीलवाड़ा मॉडल पर भी बात की जिसकी चर्चा पूरे देश में है।
बता दें कि गजेंद्र शेखावत राजस्थान से आते हैं, जहां कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। भीलवाड़ा मॉडल पर उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना को लेकर चूक हुई है। जो सरकार भीलवाड़ा के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहां मुख्यमंत्री के क्षेत्र में क्या हालत है। वहां कोरोना के इतने मरीज क्यों मिल रहे हैं। गजेंद्र शेखावत ने कहा, इस (कोरोना) मुद्दे पर राजनीति की गई।
उन्होंने कहा, "राजस्थान सरकार भीलवाड़ा मॉडल की सफलता लेने में व्यस्त हो गई और जयपुर और जोधपुर में केस बढ़ने लगे। जनता का दबाव जब बढ़ा तो उनको कर्फ्यू लागू करना पड़ा, इसके बाद जो हालात बिगड़े तो उनको काबू करने के लिए उन्हें नाकों चने चबाने पड़े।"
उन्होंने आगे कहा, "अब जाकर कुछ हालात बेहतर होते नजर आ रहे हैं। राज्य सरकार कम से कम राजनीति को छोड़ अगर जनता की सुरक्षा के दृष्टिकोण से काम करे तो हम राजस्थान को इस आपदा से बचाने में कामयाब होंगे।"
गजेंद्र शेखावत ने गंगा जल के क्लीनिकल ट्रायल पर कहा कि उनके मंत्रालय के साथ नदियों पर काम करने वाले कई संगठनों ने इसका प्रस्ताव भेजा था। उसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस के इलाज में क्या गंगा के पानी का इस्तेमाल हो सकता है, इसका क्लीनिकल टेस्ट किया जाना चाहिए।
गजेंद्र शेखावत ने कहा, गंगा का पानी 100 साल भी रख दें तो खराब नहीं होता। गंगा के पानी में अन्य नदियों की तुलना में खास विशेषता है, यह हम सदियों से जानते हैं। कोरोना के जांच में गंगा के पानी का इस्तेमाल हो सकता है, इस बारे में अध्ययन के लिए आईसीएमआर को प्रस्ताव भेजा था।