नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण पार्टी अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे और उसके बाद अनेक नेताओं के पद से इस्तीफा देने के कारण राहुल की टीम का भविष्य अनिश्चित है। इस युवा टीम के कंधे पर कांग्रेस को नई ऊर्जा और नई सोच के साथ आगे ले जाने की जिम्मेदारी थी। गांधी ने कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद उनके कई करीबी नेताओं ने भी इस्तीफा दिया है।
पार्टी के पद से इस्तीफा देने वालों की कड़ी में ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा का नाम ताजा जुड़ा है। इससे पहले शनिवार को भारतीय युवा कांग्रेस प्रमुख के पद से केशव चंद यादव ने इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले एआईसीसी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नितिन राउत पहले इस्तीफा दे चुके हैं।
राहुल के साथ एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा देने वाले उनके अन्य सहयोगियों में उत्तम रेड्डी हैं, जो तेलंगाना कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष थे। इसके अलावा गिरीश चोडनकर का नाम आता है जिन्होंने गोवा कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वालों में से अधिकतर टीम राहुल के सदस्य हैं। फिर चाहे वे पार्टी के सचिव हों या कांग्रेस के राज्य इकाई के प्रमुख। इनमें राजेश लिलोठिया का नाम आता है जिन्हें हाल ही में दिल्ली कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
पार्टी के भीतर भी यह चर्चा है कि गांधी के सहयोगियों और टीम के सदस्यों का भविष्य अनिश्चित है। गांधी से इस्तीफा वापस लेने की मांग करने वाले अनेक नेताओं ने उनसे अपील की थी कि नेताओं का राजनीतिक भविष्य उनके पार्टी में बने रहने से जुड़ा हुआ है। गांधी के इस्तीफे पर अड़े रहने और बाद में इस्तीफा मंजूर हो जाने के बाद लोगों को इस बात का इंतजार है कि नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुने जाने के बाद राहुल के निकट सहयोगियों मसलन सिंधिया, देवड़ा, राउत, यादव, लिलोठिया, रेड्डी और चोडनकर को क्या जिम्मेदारी दी जाएगी।
नए कांग्रेस प्रमुख को चुने जाने के मंथन के बीच टीम राहुल के अनेक सदस्य ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। इनमें हरियाण कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर शामिल हैं।