विजयवाड़ा: आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि 2019 में जब क्षेत्रीय दल केंद्र में सरकार गठन के लिए साथ आयेंगे तो तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की अहम भूमिका होगी लेकिन उन्होंने खुद को प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताया। तेदेपा प्रमुख कल देर रात पत्रकारों के बातचीत के दौरान भाजपा पर काफी हमलावर रहे। दूसरी तरफ , उन्होंने इस सवाल के जवाब को टाल दिया कि क्या क्षेत्रीय दल जरुरत पड़ने पर कांग्रेस का समर्थन लेंगे।
नायडू ने तेदेपा के वार्षिक सम्मेलन महानाडू के समापन पर संवाददाताओं के एक समूह से कहा , ‘‘ भाजपा पिछले दरवाजे से प्रवेश करने वाली पार्टी है। उसके पास रिमोट है जिससे वह अपनी कठपुतलियों को नियंत्रित करती है।’’ वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या भाजपा तेदेपा की प्रथम दुश्मन बन गयी है।
तेदेपा प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा ने घोषणा की कि कर्नाटक दक्षिण भारत के लिए द्वार है। यह गलत कथन है। अब आप पिछले दरवाजे से प्रवेश करना चाहते हैं। आपको इसका अहसास कर लेना चाहिए था ........ उन्हें आंध्रप्रदेश का समर्थन करना चाहिए था।’’आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य दर्जा देने के विषय पर इसी साल के प्रारंभ में भाजपा नीत राजग से बाहर आ चुकी तेदेपा के प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी 2019 में नयी दिल्ली में सरकार के गठन में निर्णायक भूमिका निभायेगी लेकिन उनकी प्रधानमंत्री पद की कोई आकांक्षा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी प्रधानमंत्री पद की कोई आकांक्षा नहीं है। अतीत में मुझे दो बार इस पद की पेशकश की गयी।’’ उनका इशारा 1996 और 1997 के प्रकरणों की ओर था जब क्रमश : देवेगौड़ा और आई के गुजराल देश के प्रधानमंत्री बने थे। नायडू ने कहा, ‘‘मैं बस आंध्र का विकास करना चाहता हूं।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या क्षेत्रीय दल जरुरत पड़ने पर कांग्रेस का समर्थन लेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘ये सारी बातें समय पर निर्भर करेगा। फिलहाल मैं कोई भ्रम नहीं पैदा करना चाहता।’’
अमरावती के लिए केंद्र की राशि पर कोई उपयोग प्रमाण पत्र नहीं जारी करने पर नायडू ने कहा, ‘‘शाह बस एक दल के अध्यक्ष हैं। वह किस हैसियत से हमसे सवाल कर रहे हैं। संबंधित केंद्रीय मंत्री अमरावती आकर काम की समीक्षा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री आकर देख सकते हैं कि हम क्या कर रहे हैं।’’