अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू दो और तीन अप्रैल को नयी दिल्ली में डेरा डालेंगे। वह अपने राज्य को विशेष दर्जा दिलाने की मांग को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलेंगे और उनका समर्थन मांगेंगे। हालांकि, उनके कार्यक्रम का खाका अब तक तैयार नहीं किया गया है पर TDP सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री सभी गैर भाजपा दलों को आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद राज्य के साथ किए गए‘‘ अन्याय’’ के बारे में बताएंगे। आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में किए गए वादे का सम्मान करने में राजग सरकार किस तरह से‘‘ नाकाम’’ रही है, वह इस बारे में भी ब्योरा देंगे।
TDP सांसदों ने नायडू का लिखा पत्र विभिन्न पार्टियों के नेताओं को पहले ही सौंप दिया है और राज्य की लड़ाई में उनका समर्थन मांगा है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि नयी दिल्ली की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री किनसे मिलेंगे। TDP प्रमुख ने विधानसभा में घोषणा की थी, ‘‘मैं हर पार्टी को एकजुट करूंगा और राज्य के उचित अधिकार के लिए लड़ूंगा। राज्य का विकास मेरा एकमात्र लक्ष्य है।’’
वहीं, वाम दलों और अन्य संगठनों ने सुझाव दिया है कि मुख्यमंत्री को कम से कम 10 दिन नयी दिल्ली में ठहरना चाहिए। इस पर, नायडू ने कहा कि वह इतने लंबे समय तक वहां नहीं ठहर सकते क्योंकि विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। हालांकि, TDP सूत्रों ने संकेत दिया कि लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होने की स्थिति में वह वहां एक- दो दिन और ठहर सकते हैं।
TDP के पोलित ब्यूरो के एक सदस्य ने कहा, ‘‘ फिलहाल हमारा जोर सिर्फ राज्य के मुद्दे पर और अविश्वास प्रस्ताव पर है। हम चाहते हैं कि केंद्र आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में शामिल19 मुख्य मुद्दों और20 फरवरी, 2014 को राज्य सभा में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा किए गए छह वादों को क्रियान्वित करे। उन्होंने बताया कि इन दिनों चर्चा में चल रहे संघीय मोर्चा का मुद्दा फिलहाल TDP प्रमुख की प्राथमिकता में नहीं है।