मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर प्रवासी मजदूरों के एकत्र होने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और जोर दिया कि कोविड-19 के संकट की इस स्थिति में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी के अफवाह फैलाने के बाद स्टेशन के बाहर लोग इकट्ठा हो गए कि ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू होंगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के भ्रमित संदेश को फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने राजनीतिक दलों से मौजूदा संकट में एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद करने और सामूहिक रूप से एकजुट होकर कोविड-19 को हराने का आग्रह किया। पवार ने एक फेसबुक संदेश में कहा कि कल बांद्रा स्टेशन के बाहर एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। किसी ने यह अफवाह फैला दी कि ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू होंगी और स्थानीय लोग वहां इकट्ठा हो गए। दुर्भाग्य से, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया।
बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लागू है लेकिन कल मुंबई के बांद्रा में स्टेशन पर भारी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी। करीब 1500 की संख्या में लोग बांद्रा स्टेशन पर पहुंच गए। इन लोगों को ऐसी अफवाह मिली थी कि यहां से ट्रेन सर्विस फिर शुरु होगी इस कारण लोग हजारों की संख्या में वहां पहुंच गए।
इन लोगों में ज्यादातर ऐसे थे जो दूसरे राज्यों से मुंबई में काम करते है। इससे पहले भी लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के कश्मीरी गेट पर लॉकडाउन की परवाह ना करते हुए हजारों लोगों की भीड़ वहां इक्ठ्ठा हुई थी।
इस घटना पर मुंबई पुलिस के पीआरओ डीसीपी प्रणय अशोक ने कहा कि शाम 4 बजे बांद्रा रेलवे स्टेशन परिसर में लगभग 1500 लोग इकट्ठा हुए। उनमें से कई प्रवासी मजदूर थे। वे लॉकडाउन के विस्तार से नाखुश थे और अपने घरों में वापस जाना चाहते थे। उन्होंने प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी है।
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर उनसे बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की। इस दौरान भीड़ का एक हिस्सा हिंसक हो गया, इसलिए उन्हें नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। क्राउड को तितर-बितर कर दिया गया। वहां पुलिस तैनात है और स्थिती सामान्य और शांतिपूर्ण है।