नई दिल्ली: विदेश नीति के मुद्दे पर लोकसभा में सरकार का पक्ष रखते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बड़ा बयान दिया है। सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत अमेरिका के सामने रमुआ-हरिया नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती देने का माद्दा है। बता दें कि सुषमा स्वराज संसद में मोदी सरकार की विदेश नीति पर विस्तार से जवाब दे रही थी।
'पीएम मोदी ग्लोबल एजेंडा सेट करने वाले नेता हैं'
सुषमा स्वराज ने कहा कि आज हिंदुस्तान की विदेश नीति की सफलता का नतीजा है की भारत ग्लोबल एंजेंडा सेट कर रहा है। पीएम मोदी ग्लोबल एजेंडा सेट करने वाले नेता हैं। उन्होंने कहा कि 17 साल तक कोई प्रधानमंत्री नेपाल नहीं गया जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो-दो बार नेपाल गए। विदेश मंत्री ने कहा, श्रीलंका में बाढ़ आई सबसे पहले भारत पहुंचा। नेपाल में भूकंप आया सबसे पहले कौन पहुंचा, भारत। नेपाल को सबसे बड़ी राशि भारत ने 1 लाख बिलियन डॉलर भारत ने दिया।
राहुल गांधी चीनी राजदूत से क्यों मिले?
चीन के मुद्दे पर सुषमा ने कांग्रेस पर हमला किया और पूछा कि राहुल गांधी चीनी राजदूत से क्यों मिले? उन्होंने कहा, राहुल को पहले भारत का पक्ष सुनना चाहिए था। चीन पर सरकार की जगह राहुल ने चीनी राजदूत से बात की। उन्होंने कहा कि हम चीन से द्विपक्षीय बातचीत कर रहे हैं। चीन से सिर्फ डोकलाम पर बात नहीं कर रहे है।
'डोकलाम विवाद भारत, चीन और भूटान मिलकर सुलझाएंगे'
चीन से सीमा विवाद पर सरकार का पक्ष रखते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि डोकलाम में चीन का होना चिंता की बात है। डोकलाम विवाद भारत चीन और भूटान मिलकर सुलझाएंगे। विदेश मंत्री ने कहा चीन 2012 के समझौते को मानें। साथ ही इजराइल और फिलीस्तीन को लेकर भी सुषमा ने कहा कि इजराइल हमारा दोस्त है लेकिन फिलिस्तीन को हम भूलेंगे नहीं।
मोदी ने विदेश नीति से दिलाया सम्मान
सुषमा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने व्यक्तिगत रूप से सम्मान दिलाया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे विश्व भर में देश को सम्मान दिलाया।’
सुषमा ने क्या कहा-
- संकट में जो मदद करे वही मित्र देश
- नेहरू ने सम्मान कमाया, नेहरू ने सम्मान दिलाया
- किसी भी समस्या का समाधान युद्ध नहीं होता
- युद्ध के लिए ही हर देश सेना रखता है
- सामरिक नहीं, आर्थिक शक्ति से युग बदलता है
- युद्ध के बाद भी संवाद करना पड़ता है
- राहुल ने चीन के राजदूत से उनका पक्ष सुना
- चीन पर सरकार की जगह चीनी राजदूत से बात की
- चीन के राजूत से क्यों मिले विपक्ष के नेता?
- चीन से द्विपक्षीय बातचीत कर रहे है
- चीन से सिर्फ डोकलाम पर बात नहीं कर रहे
- UPA में अमेरिकी वीजा का आंकड़ा गिरा
- विदेश नीति में रूस और अमेरिका हमारे साथ
- इजराइल हमारा दोस्त, फिलिस्तीन की अनदेखी नहीं
- अरब देशों के सबसे अच्छे रिश्ते भारत के साथ
- यमन संकट के दौरान सऊदी नरेश से बात की
- पीएम मोदी के कहने पर सऊदी अरब ने गोलीबारी रोकी
- भारत समेत 48 देशों के लोगों को सुरक्षित निकाला
- मोदी में ट्रंप को चुनौती देने का माद्दा है
- अमेरिका के सामने भारत रमुआ या हरिया नहीं