![Sushil Modi welcomes CBI court's verdict in Babri Mosque demolition case](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
पटना: बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने अयोध्या में बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले का स्वागत किया है। भाजपा नेता ने इस घटना का खुद को चश्मदीद गवाह बताते हुए कहा कि यह कोई पूर्व सुनियोजित षडयंत्र नहीं था। उन्होंने बुधवार को कहा कि इससे आडवाणी सहित कई लोगों को न्याय मिला है। अदालत का फैसला आने के बाद सुशील कुमार मोदी ने कहा, इस मामले का मैं चश्मदीद गवाह रहा हूं।
सुशील मोदी ने कहा, "इस मामले का मैं चश्मदीद गवाह रहा हूं, कोई पूर्व सुनियोजित षडयंत्र नहीं था। वहां पर जो मंच बना था, उसका मैं संचालन कर रहा था। कोई पूर्व सुनियोजित षडयंत्र नहीं था। वहां पर उपस्थित जो भीड़ थी उसने आवेश में आकर पूरी घटना को अंजाम दिया।"
मोदी के अनुसार मंच पर से आडवाणी सहित अन्य नेताओं ने रोकने का काफी प्रयास किया, मगर भीड़ उन्मादी थी और किसी को सुनने के लिए तैयार नहीं थी। पूरी घटना से आडवाणी सहित वहां उपस्थित तमाम नेता काफी दुखी थे। कोर्ट ने आज इस पर अपनी मुहर लगा दी है। कोर्ट का फैसला स्वीकार और स्वागतयोग्य है।
बता दें कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
28 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद ढांचा विध्वंस के आपराधिक मामले में फैसला सुनाने के लिए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.के. यादव ने सभी आरोपियों को कोर्ट में तलब किया था।