पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज मांग की कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) राजनीतिक मुलाकातें करने वाले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द कराये। सुशील ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि चारा घोटाला के चार मामलों में सजायाफ्ता लालू को राजनीतिक कार्यों से अलग रहने की शर्त पर केवल इलाज के लिए जमानत मिली थी, लेकिन वह लगातार शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राजद प्रमुख ने पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत से बात की और उसके बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के तीन सांसदों ने उनसे मुलाकात कर राजनीतिक चर्चाएं की। इस आधार पर सीबीआई को लालू की जमानत तत्काल रद्द करानी चाहिए।
सुशील ने कहा कि लालू से कल मुलाकात करने वाले तेदेपा सांसदों ने स्वीकार किया था कि उऩ लोगों ने हालचाल पूछने के नाम पर लालू से भेंट की और संसद के मानसून सत्र में संभावित अविश्वास प्रस्ताव (आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ) पर उऩकी पार्टी का समर्थन मांगा। उन्होंने कहा कि तेदेपा और राजद, दोनों दलों ने लालू से राजनीतिक बातचीत की पुष्टि कर यह साबित किया है कि इन्हें जमानत की शर्तों का पालन करने की कोई परवाह नहीं है। यह अदालत की अवमानना का मामला भी है।
सुशील ने कहा कि चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता होने के कारण लालू के चुनाव लड़ने पर पहले ही रोक लग चुकी है। सीबीआई को लालू की सेहत और उनकी राजनीतिक गतिविधियों की समीक्षा कर तुरन्त फैसला लेना चाहिए।