पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी केवल 750 करोड़ का मॉल ही नहीं बनवा रहे थे बल्कि करोड़ों रूपये के लोहे का व्यापार भी करते हैं। सुशील ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी पर लारा एंड संस नामक लोहा एवं स्टील बेचने वाले प्रतिष्ठान का मालिक होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे जिंदल स्टील एंड पावर लि. के हैंडलिंग एंड स्टोरेज एजेंट के रूप में 2012 से काम कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिंदल स्टील ने तेजस्वी यादव को 28 सितम्बर, 2012 को रामगढ़, पतरातू और अरगुल के स्टील प्लांट से निर्मित माल के लिए हैंडलिंग एंड स्टोरेज एजेंट नियुक्त किया था।
सुशील ने तेजस्वी पर पटना सिटी के मिर्चाई रोड के रानीपुर खिड़की में लारा एंड संस के नाम से लोहा एवं स्टील का व्यापार करने के लिए वैट का निबंधन वाणिज्य कर विभाग के पूर्वी अंचल से प्राप्त करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी जिंदल कंपनी के एजेंट के रूप में व्यापार करते रहे लेकिन वैट के रिर्टन में टर्नओवर शून्य दिखाते रहे।
सुशील ने आरोप लगाया कि इस व्यापार को करने के लिए 255 डिसमिल जमीन पर 12 फुट से ज्यादा ऊंची चाहरदीवारी का निर्माण किया गया जिस पर करोड़ों रुपए खर्च हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि अभी भी इस परिसर में क्रेन, लोहा एवं स्टील तथा अन्य उपयोगी सामान रखे हुए हैं। सुशील ने आरोप लगाया कि कुछ माह पूर्व तक इस चाहरदीवारी युक्त जमीन पर लारा एंड संस का बोर्ड लगा हुआ था जिसे अब उतार दिया गया है।
उन्होंने सवाल किया कि तेजस्वी ने लोहा और स्टील के अपने व्यापार के तथ्यों को आज तक क्यों छुपाया और चुनाव आयोग को दिए गए सम्पत्ति के ब्यौरे में इस जमीन तथा व्यापार का उल्लेख क्यों नहीं किया। सुशील ने यह भी सवाल किया कि आखिर तेजस्वी 22 वर्ष की उम्र में डिलाईट मार्केंटिंग, ए बी एक्सपोर्ट, लारा एंड संस एवं फ्येरग्रो जैसी कम्पनियों के मालिक कैसे बन गए?
यह पूछे जाने पर कि वाणिज्य कर विभाग तो आपके ही अधीन है, ऐसे में वैट के रिर्टन में टर्नओवर शून्य दिखाते रहने के लिए विभाग क्या तेजस्वी के खिलाफ कार्रवाई करेगा, सुशील ने कहा कि नोटिस भेजकर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत चुनाव आयोग और आयकर विभाग को लिखे जाने के बारे में पूछे जाने पर सुशील ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को पत्र लिखकर उनके संज्ञान में इसे लाया जाएगा।