सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात राज्यसभा चुनाव पर रोक लगाने से इनकार किया है। न्यायालय ने कांग्रेस नेता परेश धनानी की याचिका को ठुकराते हुए कहा कि हम चुनाव पर रोक नहीं लगाएंगे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर चार हफ्ते के बाद सुनवाई का फैसला किया है। बता दें कि परेश धनानी ने पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग को चुनौती दी है। गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 19 जून को वोटिंग होनी है। वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी बीजेपी के कुछ विधायक कोरोना से संक्रमित हैं। ऐसे में उनके वोटिंग को लेकर संशय बना हुआ था। चुनाव आयोग ने इन विधायकों को सुविधा देते हुए पोस्टल बैलेट वोटिंग करने का फरमान जारी किया है। जिस पर कांग्रेस सवाल उठा रही है।
गुजरात के चीफ इलेक्शन ऑफिसर एस मुरली कृष्णन ने कहा कि चुनाव आयोग ने पोस्टल वोटिंग की अनुमित दे दी है, लेकिन इसकी गहनता से जांच की जाएगी। हालांकि, तीनों विधायक कोरोना से ठीक हो चुके हैं, लेकिन अगर कोई पोस्टल वोटिंग की अनुमति मांगता है तो हम उसे अनुमति दे देंगे। चुनाव आयोग के इसी फैसले के खिलाफ परेश धनानी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और राज्यसभा चुनाव के वोटिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी।
गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव के पहले गुजरात में सियासी हलचल पूरे जोर पर है। राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात कांग्रेस के तीन कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इससे पार्टी के दूसरी राज्यसभा सीट जीतने पर सवाल खड़ा हो गया है। राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के पास 103 विधायक हैं और उसने तीन उम्मीदवार खड़े किए हैं। विधानसभा की मौजूदा संख्या के हिसाब से एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 34 विधायक चाहिए। और इस गणित से बीजेपी के तीनों उम्मीदवार चुनाव जीत सकते हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी उसके विधायकों को तोड़ रही है।