नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा कि सीएए के विरोध में जो हिंसा हुयी उसे आंदोलन का अधिकार मान लिया गया, सीएए के बारे में जो भी प्रचारित किया जा रहा है उसके बारे में सभी साथियों को खुद से पूछना चाहिये कि क्या उन्हें देश को गुमराह करना चाहिये। यह रास्ता सही नहीं हैं, हम सब मिल कर इस पर विचार करें।
पीएम मोदी ने कहा, देश के विभाजन के बाद जो लोग पाकिस्तान में रह गये थे उनमें से अधिकतर हमारे दलित भाई बंधु थे। अल्पसंख्यकों की दुहाई देने वाले लोग उनकी पीड़ा भी महसूस करें जो पड़ोस में अल्पसंख्यक बन गये , जो लोग कभी "साइलेंट" थे वे आज "वायोलेंट" हैं उन्होंने राम मनोहर लोहिया के बयान का जिक्र करते हुए कहा- राम मनोहर लोहिया जी ने कहा था ‘‘हिंदुस्तान का मुसलमान जिये और पाकिस्तान का हिंदू जिये। मैं इस बात को ठुकराता हूं कि पाकिस्तान के हिंदू पाकिस्तान के नागरिक हैं इसलिये हमें उनकी परवाह नहीं करना चाहिये’’।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस एवं वाम दलों पर लोगों को धरना स्थल पर उकसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संविधान बचाने के नाम पर दिल्ली और देश में क्या हो रहा है, वह पूरा देश देख रहा है और देश की चुप्पी कभी न कभी रंग लायेगी। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कांग्रेस की पिछले 70 साल की राजनीति को लेकर उस पर हमला किया और कहा कि इस राजनीति के कारण कोई भी कांग्रेसी नेता ‘‘आत्मनिर्भर’’ नहीं हो पाया।
संशोधित नागरिकता कानून पारित कर संविधान का उल्लंघन करने के विपक्ष के आरोपों की ओर इंगित करते हुए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को देश में आपातकाल लागू करने, चुनी हुई कई राज्य सरकारों को गिराने जैसी विभिन्न घटनाओं का हवाला दिया और कहा, ‘‘ संविधान बचाने की बात कांग्रेस को दिन में 100 बार बोलनी चाहिए, ये तो उनका मंत्र होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए जितनी बार आप संविधान बोलोगे, कुछ चीजें आपको अपनी गलतियों का एहसास करा देंगी ।’’
संशोधित नागरिकता कानून के संदभ में मोदी ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उद्धृत करते हुए कहा ‘इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि जो प्रभावित लोग भारत में बसने के लिए आये हैं, ये नागरिकता मिलने के अधिकारी हैं और अगर इसके लिए कानून अनुकूल नहीं हैं तो कानून में बदलाव किया जाना चाहिए।’ लोकसभा में करीब 100 मिनट के अपने जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं, उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या पंडित नेहरू हिन्दू-मुस्लिम भेद करते थे ? क्या पंडित नेहरू हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते थे ? ’’
उन्होंने कहा, ‘‘न्यायपालिका को किसने रौंदा? संविधान में सबसे अधिक संशोधन कौन लाया है? किसने अनुच्छेद 356 को सबसे अधिक लागू किया? जिन लोगों ने उपरोक्त कार्य किये हैं, उन्हें हमारे संविधान का गहन ज्ञान प्राप्त करने की आवश्यकता है ?’’ जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने संबंधी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के बयानों के लिए उन्हें आड़े हाथ लेते हुए मोदी ने कहा ‘‘ कश्मीर भारत का मुकुटमणि है। कश्मीर की पहचान सूफी परंपरा और सर्व पंथ समभाव की है । कश्मीर की पहचान बम, बंदूक और अलगाववाद की बना दी गई थी।’’
उन्होंने कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘‘ 19 जनवरी 1990 की उस काली रात में कुछ लोगों ने कश्मीर की पहचान को दफना दिया था।’’ सीएए को लेकर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संविधान बचाने के नाम पर दिल्ली और देश में क्या हो रहा है, वह पूरा देश देख रहा है और देश की चुप्पी कभी न कभी रंग लायेगी ।’’
गौरतलब है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने सरकार पर ध्रुवीकरण के जरिए देश को बांटने का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि सीएए और एनआरसी की उसकी ‘साजिश’ को विफल करने और संविधान को बचाने के लिये लोग सड़कों पर निकल आए हैं । विपक्ष ने दावा किया कि सीएए के मुददे की वजह से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल हुई है। कुछ विपक्षी दलों ने सरकार पर देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।
चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं पूरी जिम्मेदारी से देश की 130 करोड़ जनता को कहना चाहता हूं कि सीएए का हिन्दुस्तान के किसी नागरिक पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा । चाहे वह हिन्दू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या ईसाई हो, चाहे कोई और हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत के अल्पसंख्यकों को इससे कोई नुकसान नहीं हो सकता है। जिन लोगों को देश की जनता ने नकार दिया है, जिन्हें घर भेज दिया, वे ऐसी बात कर रहे हैं जो कोई सोच भी नहीं सकता।’’ प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ कांग्रेस और उसके जैसे दलों ने जिस दिन भारत को भारत की नजर से देखना शुरु किया, उस दिन उन्हें अपनी गलती का अहसास होगा।’’
पीएम मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले जो कुछ भी हुआ, ‘‘राजनीति के तराजू से तौलकर और आधे-अधूरे मन से किया गया’’ जबकि उनकी सरकार ने चुनौतियों को चुनौती देते हुए समस्याओं का समाधान निकालने के लिये दीर्घकालिक नीति के तहत काम किया जिससें अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी तथा वित्तीय घाटा एवं महंगाई स्थिर रही। उन्होंने कहा, ‘‘कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता रहा है। कभी कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदतें भी देश ने देखी है। चुनौतियों को चुनने का सामर्थ्य नहीं, ऐसे लोगों को भी देखा है।’’
उन्होंने कहा कि लेकिन आज दुनिया की भारत से जो अपेक्षा है, ‘‘हम अगर चुनौतियों को चुनौती नहीं देते, अगर हम हिम्मत नहीं दिखाते और अगर हम सबको साथ लेकर चलने की गति नहीं दिखाते तो हमें लंबे अरसे तक समस्याओं से जूझना होता।’’ पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हम भी आप लोगों के रास्ते पर चलते, तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता। आपके तौर तरीके से चलते तो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती।’’
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर प्रहार जारी रखते हुए कहा कि अगर वह उनकी सोच के साथ चलते तो राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती, करतारपुर साहिब गलियारा कभी नहीं बन पाता और भारत-बांग्लादेश विवाद कभी नहीं सुलझता । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कांग्रेस सदस्यों से कहा कि आपके लिये (कांग्रेस) (महात्मा) गांधी जी ट्रेलर हो सकते हैं, हमारे लिये गांधीजी जिंदगी हैं।
इनपुट- भाषा