नई दिल्ली: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के राफेल विमानों से जुड़े बयान पर सवाल उठाया है। तिवारी ने कहा है कि चुनावी मौसम में धनोआ के बयान का सियासी असर हो सकता है। उन्होंने कहा कि सेना के अधिकारियों को चुनावों के दौरान इस तरह के बयानों से परहेज करना चाहिए। आपको बता दें कि इस समय देश की सियासत में राफेल विमान एक बड़े मुद्दे के तौर पर उभरे हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस इन विमानों की खरीद में घोटाला होने की बात कह रही है, तो दूसरी तरफ सरकार इससे इनकार करते हुए राफेल को वायुसेना के लिए जरूरी बता रही है।
इससे पहले एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा था कि यदि भारत के बार राफेल विमान आ जाते हैं तो उसके बाद पाकिस्तान बॉर्डर के पास आने की हिम्मत भी नहीं करेगा। उन्होंने कहा था कि इस विमान के आने से भारत की वायु रक्षा क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी और पाकिस्तान सीमा के पास आने में हिचकेगा। धनोआ ने कहा था कि राफेल के आने से हमारे पास ऐसी क्षमता होगी जिसका पाकिस्तान के पास जवाब नहीं होगा। चिनूक हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल करने को लेकर हुए कार्यक्रम में धनोआ ने ये बातें कही थीं।
एयर फोर्स चीफ बीएस धनोआ की मौजूदगी में चार शिनूक हेलीकॉप्टर वायुसेना में शामिल हुए। इस मौके पर धनोआ ने कहा कि इन हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल पूर्वी सीमा पर भी किया जाएगा। ये हेलीकॉप्टर राफेल की तरह भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित होंगे। बता दें कि भीमकाय शिनूक हेलीकॉप्टर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैन्य मदद या रसद पहुंचाने में बेहद कारगर है। दुनिया के 19 अन्य देश भी इसका इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें कि इंडियन एयर फोर्स को तय शेड्यूल के मुताबिक सितंबर में राफेल विमान मिलेंगे। भारत का फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद का सौदा हुआ है।