जम्मू-कश्मीर: बुधवार को जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यपाल शासन को मंजूरी देने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व राष्ट्रपति उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य में जल्द से जल्द चुनाव हो। जम्मू-कश्मीर विधानसभा को तुरंत भंग किया जाए। अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी का भरोसा नहीं किया जा सकता। इब्दुल्ला ने कहा कि कुछ का मतलब क्या किसी भी पार्टी को तोड़ोगे? उमर अब्दुल्ला ने कविद्रं गुप्ता के बयान पर भी सवाल उठाए। मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद राज्यपाल एन . एन . वोहरा ने राष्ट्रपति को भेजे गये एक पत्र में राज्य में केन्द्र का शासन लागू करने की सिफारिश की थी। इसकी एक प्रति केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजी गयी थी।
राष्ट्रपति ने वोहरा कि सिफारिश को मंजूरी दे दी है , जिसके बाद आज तत्काल प्रभाव से प्रदेश में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है। बीते मंगलवार भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के साथ गठबंधन समाप्त कर दिया और पीडीपी की अगुवाई वाली जम्मू-कश्मीर सरकार से अलग हो गई। भाजपा ने घाटी में आतंकवादी गतिविधियों व कट्टरवाद की बढ़ोतरी का हवाला देते हुए कहा कि गठबंधन में बने रहना मुश्किल हो गया था। जल्दबाजी में बुलाए गए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी ने अचानक इस फैसले की घोषणा की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव राम माधव ने कहा कि उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता व अन्य नौ मंत्रियों ने राज्यपाल एन.एन.वोहरा व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। राज्य के नेताओं को परामर्श के लिए तत्काल राष्ट्रीय राजधानी बुलाया गया था। यह कदम ऐसे समय में आया है, जब 2019 के आम चुनाव में साल भर से भी कम समय बाकी है। इस कदम से दो महीने पहले भाजपा ने कठुआ दुष्कर्म मामले में लोगों की नाराजगी को लेकर अपने उपमुख्यमंत्री को बदला था। केंद्र सरकार के संघर्षविराम नहीं जारी रखने के फैसले के दो दिन बाद यह कदम सामने आया है।