नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जाने से रोकने के खिलाफ सपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और इस विरोध प्रदर्शन को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों को लाठीचार्ज करना पड़ा, लाठीचार्ज की वजह से समाजवादी पार्टी सांसद और अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव घायल हुए हैं, उनके सिर पर चोट लगी है।
अखिलेश यादव को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मंगलवार को आयोजित शपथग्रहण कार्यक्रम में जाने से रोका दिया गया था। प्रशासन के इस कदम के विरोध में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सपा नेताओं नेता और उनके समर्थकों ने विरोध किया और साथ में पथराव भी किया, पथराव और विरोध को काबू में करने के लिए सुरक्षाबलों को सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को उन्हें इलाहाबाद जाने से रोकने को लेकर केन्द्र तथा प्रदेश की भाजपा सरकारों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र की मिली-भगत के कारण ही लखनऊ हवाईअड्डे पर पुलिस और खुफिया विभाग के अफसरों ने उन्हें विमान पर चढ़ने से रोक दिया।
अखिलेश ने इस घटना के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में सपा समर्थित प्रत्याशी के हाथों अपने उम्मीदवार की हार से तिलमिलायी प्रदेश की भाजपा सरकार ने मुझे छात्रसंघ कार्यक्रम में शामिल होने से रोक दिया। प्रदेश सरकार मुझे हवाई अड्डे पर नहीं रोक सकती थी, यह काम केन्द्र सरकार का है। मुझे लगता है कि दिल्ली (केन्द्र) की सरकार भी इसमें मिली हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रात में स्थानीय अभिसूचना इकाई और पुलिस के कुछ अफसरों ने उनके घर की रेकी (टोह) की। मंगलवार सुबह साढ़े छह बजे तीन अधिकारी उनके घर के पास बैठा दिये गये। अखिलेश ने कहा कि स्थानीय पुलिस हवाई अड्डा परिसर में नहीं जा सकती क्योंकि उसकी सुरक्षा और प्रबंध किसी दूसरे बल के पास है। इसके बावजूद अफसर वहां पहुंचे और मुझे हवाई जहाज में चढ़ने से रोक दिया। मुझे रोकने वाले अफसर के पास कोई लिखित आदेश भी नहीं था।
सपा अध्यक्ष ने कहा, ''मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि मैं अराजकता और हिंसा फैलाने जा रहा था। मैं सन्यासी योगी से पूछना चाहता हूं कि अगर मेरे राजनीतिक जीवन में मेरे ऊपर एक भी धारा लगी हो तो बताएं।'' अखिलेश ने संवाददाताओं के सामने कुछ तख्तियां पेश करते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री जी अपराधियों की तख्ती की बात बहुत करते हैं। मैं चाहता हूं कि उनकी तख्ती आज जरूर सामने आये। यह मुख्यमंत्री पर लगी धाराओं की तख्ती है। यह पहले मुख्यमंत्री होंगे जिन्होंने खुद ही अपने मुकदमे वापस लिये हैं। आप चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में देखें तो यही धाराएं आपको दिखेंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये हमसे कह रहे हैं कि हम हिंसा फैलाना चाहते हैं। हिंसा करने वाला ही आज मुख्यमंत्री बन गया। इन्होंने ही सबको हिंसा करना सिखाया है।''
अखिलेश ने कहा कि सपा समर्थित प्रत्याशी उदय यादव हाल ही मकें इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गये हैं। उनके शपथग्रहण समारोह में शामिल होना था। इसके लिये कार्यक्रम 27 दिसम्बर, 2018 को भेजा गया था। इसके बाद और दो बार कार्यक्रम भेजा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में सरकार की नीयत साफ नहीं है। भाजपा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चुनाव को अपना चुनाव मान रही थी। पूरी सरकार और उसके मंत्री चुनाव लड़ रहे थे। जब इसमें सपा समर्थित प्रत्याशी जीत गया तो उसके हॉस्टल के कमरे में आग लगा दी गयी।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की तिथि निकट आने पर उसके लिए बने मंच के पास तीन बम विस्फोट किए गए। लेकिन नातो उदाय यादव के हॉस्टल के कमरे में आग लगाने वाले और नाहीं मंच पर बम लगाने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई। अखिलेश ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र में ऐसा पहले नहीं हुआ होगा कि प्रशासन बम फेंकने की इजाजत दे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रही है। वह मन बना चुकी है कि उसे क्या करना है।
(इनपुट-भाषा)