Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. NRC: जेटली ने लिखा ब्लॉग- संप्रभुत्ता और नागरिकता भारत की आत्मा, न कि आयातित वोट बैंक

NRC: जेटली ने लिखा ब्लॉग- संप्रभुत्ता और नागरिकता भारत की आत्मा, न कि आयातित वोट बैंक

जेटली ने फेसबुक पोस्ट में राहुल की आलोचना करते हुए कहा है कि असम के एनआरसी मामले में पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने जो कहा था, कांग्रेस अध्यक्ष का रूख इसके विपरीत है।

Edited by: India TV News Desk
Updated : August 01, 2018 22:20 IST
arun jaitley
arun jaitley

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की असम एनआरसी मामले पर भारत की संप्रभुत्ता के साथ खेलने के लिए आलोचना की और कहा कि नागरिक राष्ट्र की आत्मा हैं न कि ‘‘आयातित वोट बैंक’’। जेटली ने फेसबुक पोस्ट में राहुल की आलोचना करते हुए कहा है कि असम के एनआरसी मामले में पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने जो कहा था, कांग्रेस अध्यक्ष का रूख इसके विपरीत है।

उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का प्रमुख कर्त्तव्य अपनी सीमाओं की सुरक्षा करना, किसी भी अपराध को रोकना और देश के नागरिकों का जीवन सकुशल एवं सुरक्षित बनाना होता है। जेटली ने कहा, ‘‘यह (कांग्रेस) अब भारत की संप्रभुत्ता के साथ समझौता कर रही है। राहुल गांधी और ममता बनर्जी जैसे नेताओं को यह महसूस करना चाहिए कि संप्रभुत्ता खेलने की चीज नहीं है।’’ केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट में लिखा है, ‘‘संप्रभुत्ता और नागरिकता भारत की आत्मा है। आयातित वोट बैंक नहीं।’’ जेटली के इस पोस्ट का शीर्षक ‘‘राष्ट्रीय नागरिक पंजी बनाम वोट बैंक’’ है।

जेटली ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा है कि वह बांग्लादेशी घुसपैठ पर अपना रूख बदल रही हैं। भाजपा नेता ने लिखा है, ‘‘हालांकि, श्रीमती इंदिरा गांधी और श्री राजीव गांधी ने विदेशियों को हटाने और उनके निर्वासन के लिए 1972 और 1985 में विशेष रूख अपनाया था और अब राहुल गांधी इसके विपरित रूख अपना रहे हैं और कांग्रेस पार्टी इससे पलट गई है।’’ जेटली ने कहा, ‘‘इसी तरह 2005 में भाजपा की सहयोगी रह चुकी सुश्री ममता बनर्जी ने भी इस पर खास रूख अपनाया था। संघीय मोर्चे के नेता के तौर पर अब वह इसके उलट बात कर रही हैं। क्या भारत की संप्रभुत्ता ऐसे चंचल दिमाग वालों और नाजुक हाथों द्वारा तय की जाएगी।’’

असम के 40 लाख लोगों के नाम एनआरसी के मसौदे में नहीं है। प्रदेश में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए एनआरसी तैयार की जा रही है। एनआरसी का दूसरा मसौदा इस हफ्ते के शुरू में गुवाहाटी में प्रकाशित किया गया था। इस मुद्दे पर विपक्षी कांग्रेस और टीएमसी के सदस्यों ने दो दिन से राज्य सभा नहीं चलने दी है। जेटली ने कहा कि क्षेत्र और नागरिक किसी भी संप्रभु देश के दो पहलू हैं।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ऐतिहासिक रूप से दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों, श्रीमती इंदिरा गांधी और श्री राजीव गांधी ने देश से प्रतिबद्धता जतायी थी कि 25 मार्च 1971 के बाद के प्रवासियों का पता लगाया जाएगा, उनकी पहचान कर उन्हें निर्वासित किया जाएगा। जेटली ने आगे कहा कि 1971 से पहले के कुछ प्रवासी उत्पीड़न के कारण भारत आये थे लेकिन 1971 के बाद के सभी प्रवासियों के मामले में यह बात सही नहीं है क्योंकि उन्होंने अवैध रूप से देश में प्रवेश किया था।

राज्यसभा के सदस्य ने कहा, ‘‘एक तीसरी कैटेगरी है जो न तो नागिरक हैं और न ही शरणार्थी हैं, जो यहां आर्थिक अवसरों के लिए आते हैं। ये लोग अवैध प्रवासी हैं। उनका प्रवेश देश के खिलाफ एक मूक हमला है।’’

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement