नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) की बैठक में अनुशासन और एकता बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि संगठन को मजबूत करने की भावना निजी महत्वाकांक्षाओं से ऊपर होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का संदेश जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच रहा है, मुझे नीतिगत मुद्दों पर राज्य के नेताओं के बीच स्पष्टता, सामंजस्य की कमी दिखती है।"
महासचिवों, राज्य प्रभारियों और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए लड़ाई कार्यकर्ताओं को मिथ्या प्रचार की पहचान करने और उससे मुकाबले के लिए तैयार करने के साथ शुरू होती है। सरकार की ज्यादतियों के शिकार लोगों के लिए लड़ाई और तेज करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "हमें वैचारिक रूप से भाजपा/आरएसएस के शैतानी अभियान से लड़ना चाहिए। अगर हमें यह लड़ाई जीतनी है तो हमें दृढ़ विश्वास के साथ ऐसा करना चाहिए और लोगों के सामने उनके झूठ का पर्दाफाश करना चाहिए।"
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी के भीतर अनुशासन एवं एकजुटता बनाए रखने पर जोर दिया और कहा कि पार्टी में राज्य स्तर के नेताओं के बीच नीतिगत मुद्दों पर स्पष्टता एवं समन्वय का अभाव दिखता है। पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की बैठक में उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि अगर लड़ाई जीतनी है तो जनता के समक्ष भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘दुष्प्रचार’ एवं ‘झूठ’ को बेनकाब करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भाजपा / आरएसएस के द्वेषपूर्ण दुष्प्रचार के खिलाफ लड़ना है। अगर यह लड़ाई जीतनी है तो हमें पूरे संकल्प के साथ यह करना होगा और जनता के समक्ष उनके झूठ को बेनकाब करना होगा।’’
सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा, "अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी रोजाना विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण और विस्तृत बयान जारी करती है। परंतु यह अनुभव किया गया है कि ब्लॉक और जिला स्तर के हमारे कार्यकर्ताओं तक यह नहीं पहुंचता। नीतिगत मुद्दे हैं जिन पर पर मुझे स्पष्टता एवं समन्वय के अभाव का पता चलता है तथा यह हमारे राज्य स्तर के नेताओं के बीच भी है।" उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि आपको हमारे कार्यकर्ताओं को इस तरह प्रशिक्षित करना होगा कि वह भाजपा / आरएसएस की ओर से चलाए जा रहे दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार का मुकाबला कर सकें। आपको हमारे कार्यकर्ताओं को ऐसे भी प्रशिक्षित करना है कि वह कांग्रेस की विचारधारा को बरकरार रखते हुए, और आगे बढ़ाते हुए, लड़ाई लड़ें।
सोनिया गांधी ने कहा, "हमारा अपना इतिहास इस तथ्य का साक्षी है कि अगर अन्याय और असमानता के खिलाफ संगठन को सफल होना है, अगर कमजोरों के अधिकारों के लिए प्रभावी पैरोकार बनना है तो इसे जमीनी स्तर पर व्यापक आंदोलन का रूप लेना होगा।" उन्होंने आरोप लगाया, "मोदी सरकार ने हमारी संस्थाओं को नष्ट करने का प्रयास किया है ताकि वह जवाबदेही से बच सके। उसने संविधान के आधारभूत मूल्यों को कमजोर करने का प्रयास किया है ताकि वह खुद के लिए निचले स्तर के लिए मानक रख सके। उसने हमारे लोकतंत्र की बुनियादी बातों को सवालों को घेरे में खड़ा किया है।"
सोनिया ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा, "आने वाले महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन राज्यों में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेता कमर कस रहे हैं। हमारा चुनाव अभियान समाज के सभी तबकों के साथ चर्चा के बाद सामने आई ठोस नीतियों एवं कार्यक्रमों के आधार पर होना चाहिए।" उन्होंने कहा, "मैं फिर इस बात पर जोर देना चाहूंगी कि अनुशासन और एकजुटता की जरूरत है। आप और हम सबके लिए यह मायने रखता है कि संगठन मजबूत हो। यह व्यक्तिगत आकांक्षाओं से ऊपर होना चाहिए। इसी में सामूहिक और व्यक्तिगत दोनों सफलताएं निहित हैं।"