नई दिल्ली: यूपीए चेयरपर्सन और कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने संसद में अपने लोकसभा क्षेत्र रायबरेली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि रायबरेली में देश का पुराना रेल कारखाना है। कारखाने का निजीकरण क्यों किया जा रहा है? इस दौरान उन्होंने कहा कि रेल बजट की परंपरा सरकार ने क्यों खत्म की? रेलवे का निजीकरण करने की कोशिश की जा रही है। इससे हजारों लोग बेरोजगार होंगे।
सोनिया गांधी ने अपन भाषण में कहा, ‘’अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से मैं सदन का ध्यान उस योजना की ओर खींचना चाहती हूं जिसमें रेलवे की 6 उत्पादन इकाइयों का कंपनीकरण किया जाने वाला है, इस योजना के प्रथम चरण में रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री होगी, कंपनीकरण के जो असली मायने नहीं जानते हैं मैं उनको बता दूं कि कंपनीकरण दरअसल निजिकरण की शुरुआत है, यह देश की मुल्यवान संपत्ति कौड़ियों के दाम चंद निजी हाथों में देने की प्रक्रिया है, हजारों लोग इससे बेरोजगार हो जाते हैं।‘’
अपने भाषण के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार ने कंपनीकरण के लिए कारखाने की मजदूर यूनियन और श्रमिकों तक को विश्वास में नहीं लिया। उन्होंने कहा कि सरकारी उद्योगों का बुनियादी काम लोक कल्याण है न कि निजी उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना।
अपने भाषण के दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा ‘’पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को आधुनिका भारत का मंदिर कहा था। आज यह देखकर दुख और अफसोस होता है कि इस तरह से ज्यादातर मंदिर खतरे में है। मुनाफे के बावजूद उनके कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा। HAL, BSNL, MTNL के साथ क्या हो रहा है किसी से छिपा नहीं है।‘’