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कांग्रेस के नक्सल लिंक को लेकर BJP का खुलासा- नक्सलियों की चिट्ठी में लिखा था दिग्विजय सिंह का फोन नंबर

संबित पात्रा ने सलाह दी कि कांग्रेस पार्टी को अपना नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (माओवादी) या माओवादी कांग्रेस पार्टी कर लेना चाहिए।

Edited by: India TV News Desk
Published on: September 04, 2018 21:03 IST
कांग्रेस नेता...- India TV Hindi
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह

नई दिल्ली: कांग्रेस पर नक्सलियों को संरक्षण देने और उनका वित्तपोषण करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने सोमवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के कार्यकाल में (अब भंग हो चुकी) राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC) 'नक्सलियों को समर्थन' करने वाली संस्था थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान नक्सलवाद को मुख्यधारा में ला खड़ा किया। उन्होंने सलाह दी कि पार्टी को अपना नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (माओवादी) या माओवादी कांग्रेस पार्टी कर लेना चाहिए।

पात्रा ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सिर्फ राजनीति अवसरवादिता के लिए इसके साथ खेलना कुछ ऐसा ही है, जैसा कांग्रेस हमेशा करती आई है। इस क्रम में हमारे पास कामरेड सुरंद्र को कामरेड प्रकाश द्वारा 25 सितंबर को लिखा गया एक दूसरा पत्र है, जिसमें मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का फोन नंबर है।"

उन्होंने कहा, "फोन नंबर के अलावा, पत्र में एक और बात लिखी हुई है, जिसमें कहा गया है 'कांग्रेस के नेता इस प्रक्रिया में मदद के इच्छुक हैं और जब भी विरोध प्रदर्शन के मौके आएंगे, उसमें आर्थिक मदद के लिए भी सहमत हैं। इस संबंध में आप हमारे मित्र के नंबर पर संपर्क कर सकते हैं'।" उन्होंने कहा, "जिस मोबाइल नंबर का जिक्र है, वह राहुल गांधी के गुरु दिग्विजय सिंह का है। उन्होंने अभी तक इससे इंकार नहीं किया है कि यह उनका नंबर नहीं है।"

पात्रा ने कहा, "हम कह सकते हैं कि भ्रम, साजिश और कांग्रेस एक-दूसरे के समानार्थी हैं। उन्होंने नक्सलवाद पर हमेशा दोहरा रवैया अपनाया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि नक्सलवाद आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। लेकिन वहां कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने कांग्रेस के अंदर नक्सलवाद को रूमानी बनाया और इसका सबसे बड़ा उदाहरण तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के समीप रहने वाली मंडली 'एनएसी' है।"

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि एनएसी सोनिया गांधी की दिमागी उपज थी और वास्तव में यह नक्सलवाद को समर्थन देने वाली जमीन थी। उन्होंने कहा कि 2010 में देशद्रोह के लिए दोषी ठहराए गए बिनायक सेन को योजना आयोग और सर्वाधिक महत्वपूर्ण निकाय -स्वास्थ्य संबंधित संचालन समिति में शामिल किया गया था।

पात्रा ने दावा किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने महाराष्ट्र के तत्कालीक मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को एक नक्सली महेश राउत को रिहा करने के लिए पत्र लिखा था। उन्होंने कहा, "यह कांग्रेस के अधीन नक्सलवाद को मुख्यधारा में शामिल करने की घटना थी। आखिर कांग्रेस को दोषी ठहराए गए नक्सलियों से प्यार क्यों है।"

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