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स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी के भाषण की आलोचना की, पूछा-सदन में सिर्फ नेहरू का महिमामंडन क्यों

भाषण नेहरू परिवार पर केंद्रित रखने के लिए ईरानी ने सोनिया की आलोचना करते हुए लिखा है, 'भारत छोड़ो आंदोलन जैसी देशव्यापी ऐतिहासिक घटना के बारे में ऐसी अपेक्षा की जाती है कि हम अपने विचार पक्षरहित होकर रखें। जबकि सोनिया गांधी अपने लंबे भाषण में सिर्फ 2

Written by: India TV News Desk
Published : August 10, 2017 8:26 IST
smriti-irani
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नयी दिल्ली: बुधवार को लोकसभा में विशेष चर्चा के दोरान भारत छोड़ो आंदोलन पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषण को केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि यह 2014 में उनकी पार्टी की हार से पहले तक छाये रहे नेहरु वंश के नियंत्रण को खोने की लंबी, दयनीय हताशा है। स्मृति ईरानी ने अपने फेसबुक पेज  पोस्ट में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने यह साबित किया कि पारिवारिक संबंध अन्य चीजों से ऊपर हैं। सोनिया गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण में भाजपा नीत सरकार पर परोक्ष निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या अंधकार की ताकतें लोकतंत्र की जड़ें नष्ट प्रयास कर रही हैं। ये भी पढ़ें: AAP ने पूरे देश में उड़ने का ख्याल छोड़ा, दिल्ली तक समेटे अपने पंख

भाषण नेहरू परिवार पर केंद्रित रखने के लिए ईरानी ने सोनिया की आलोचना करते हुए लिखा है, 'भारत छोड़ो आंदोलन जैसी देशव्यापी ऐतिहासिक घटना के बारे में ऐसी अपेक्षा की जाती है कि हम अपने विचार पक्षरहित होकर रखें। जबकि सोनिया गांधी अपने लंबे भाषण में सिर्फ 2014 में नेहरू परिवार के हाथ से सत्ता जाने का दुख मनाने तक सीमित कर दिया।' ईरानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए लिखा है कि मोदी महात्मा गांधी के 'करेंगे या मरेंगे' के नारे से सीखते हुए एक नया नारा दिया है- 'करेंगे और करते रहेंगे'।

ईरानी ने आगे लिखा है कि एक ओर जहां प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल और सुभाष चंद्र बोस के बलिदानों को याद किया, वहीं सोनिया ने दोनों का नाम छोड़ केवल पंडित नेहरू की महानता का बखान किया, जिनके परिवार से वह आती हैं। साथ ही इरानी ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बारे में लिखा है, 'वह न सिर्फ इतिहास के बारे में था बल्कि भविष्य के बारे में भी था। सोनिया के भाषण में कोई विजन नहीं था।'

उन्होंने लिखा है कि पीएम ने महिलाओं का सशक्तीकरण करने, गरीबी, अन्याय और आतंकवाद से लड़ने पर भी बात की, वहीं सोनिया ने इस मौके पर 'बदले की राजनीति' जैसी बात कर सदन का माहौल खराब किया। उन्होंने सोनिया के भाषण को चुनाव प्रचार के लिए लिखा गया भाषण करार दिया।

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