लखनऊ: केंद्र सरकार नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर अपनी पीठ थपथपाने में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में मीडिया से मुखातिब होने लखनऊ पहुंची केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण एवं कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस हिमाचल में पहले ही हार मान चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात चुनाव में हार के डर से ही राहुल को कांग्रेस का अध्यक्ष घोषित नहीं किया। यहां भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में ईरानी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कालेधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार बनने के बाद से ही काफी कड़े कदम उठाए हैं।
ईरानी ने कहा कि कांग्रेस के लिए अच्छी खबर नहीं है। पिछले कई चुनावों से चल रहा हार का सिलसिला अगले दो चुनावों में भी जारी रहेगा। गुजरात चुनाव को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में स्मृति ने कहा, "लोग गुजरात चुनाव की बात कर रहे हैं। हिमाचल की कोई बात ही नहीं कर रहा है। कांग्रेस ने हिमाचल में चुनाव से पहले ही हार मान ली है। रही बात कांग्रेस उपाध्यक्ष की तो मुझे लगता है कि गुजरात की जनता समझती है कि जिससे एक पार्टी नहीं संभलती वह गुजरात को क्या संभालेगा।"
ईरानी ने कहा, "केंद सरकार ने चुनाव के दौरान ही जनता से भ्रष्टाचार एवं कालेधन के खिलाफ लड़ाई का वादा किया था। इसी के चलते सरकार में आने के बाद सबसे पहला कदम यही उठाया गया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद पिछली सरकार ने विशेष जांच दल का गठन नहीं किया था। लेकिन हमने पहले दिन ही एसआईटी का गठन कर भ्रष्टाचार एवं कालेधन के खिलाफ कड़ा संदेश देने का काम किया।"
ईरानी ने कांग्रेस की विफलताओं का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 28 वर्षो से बेनामी सम्पत्ति से जुड़ा अधिनियम लागू नहीं हो पा रहा था, लेकिन केंद्र में मोदी की सरकार बनने के बाद ही बेनामी सम्पत्ति के अधिनियम को भी मंजूरी प्रदान की गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कांग्रेस के समय में टूजी, कॉमनवेल्थ खेल और कोयला घोटाले की गूंज सुनाई देती थी। लेकिन मोदी सरकार में उनके काम की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही है। नोटबंदी देश ही नहीं, दुनिया के आर्थिक जगत में एक ऐतिहासिक कदम था।"
पैराडाइज पेपर्स लीक मामले को लेकर पूछे गए सवाल पर ईरानी ने कहा कि इससे जुड़े मामले की जांच एजेंसियां कर रही हैं। इसीलिए अभी इस बारे में कुछ भी बोलना सही नहीं होगा।