अमेठी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उनके गढ़ में ही घेरने की रणनीति और किसान हितैषी दिखा पार्टी को बढ़त दिलाने की कोशिश में जुटी भाजपा ने एक और बड़ा दांव खेला है। आमतौर पर हर छोटे-बड़े मामलों में अमेठी पहुंचने वाले राहुल की इस बार यहां से दूरी को देखते हुए 12 मई को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का दौरा लगाया गया है। वह आपदा पीड़ित किसानों से मिलेंगी और यहां के लिए कुछ घोषणाएं भी कर सकती हैं।
लोकसभा चुनाव में अमेठी संसदीय सीट से हार के बाद भी यहां मिले करीब तीन लाख आठ हजार वोटों से उत्साहित स्मृति ईरानी लोगों से अपना संपर्क लगातार बनाए हुए हैं। चुनाव के तत्काल बाद उन्होंने बरौलिया में अग्निकांड पीड़ितों को राहत सामग्री दी थी।
जनता एक्सप्रेस ट्रेन हादसे और अतिवृष्टि-ओलावृष्टि के बाद भी राहुल को अपने बीच नहीं पाकर अमेठी को लोग निराश हैं। जबकि भाजपाई लगातार किसानों के मसले को लेकर आक्रामक हैं। भाजपा ने इसके लिए प्रदर्शन किया, जिसमें प्रदेश स्तर के नेता शामिल हुए, जबकि राहुल पर आरोप लगे कि उन्होंने आपदा के समय भी अपने संसदीय क्षेत्र के किसानों की सुधि नहीं ली।
स्मृति के प्रस्तावित कार्यक्रम में उनके साथ केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान के भी आने की संभावना है। ऐसे में जब यहां बनने वाले मेगा फूड पार्क को लेकर देश की राजनीति काफी गरमाई है तब यह देखना दिलचस्प होगा कि स्मृति का दौरा कितना अहम रहता है।
उम्मीद जताई जा रही कि स्मृति यहां महिला डिग्री कॉलेज की घोषणा कर सकती हैं। इस संबंध में जायस निवासी निजाम ने कहा कि पिछले छह महीने में राहुल एक बार भी अपने संसदीय क्षेत्र नहीं आए, जबकि यहां के किसान प्रकृति की मार से तबाह हो गए।
तिलोई के मोहनलाल कहते हैं कि ऐसा तो नहीं था अमेठी और गांधी-नेहरू परिवार का रिश्ता। स्मृति के प्रस्तावित आगमन पर मुसाफिरखाना के सुरेश बोले कि अगर देखा जाए तो जीतने के बाद राहुल तीन बार अमेठी आए और हारने के बाद भी स्मृति दूसरी बार यहां आ रही हैं। यह दिखाता है कि अब राहुल से अमेठी के रिश्तों को लेकर सवाल उठने लगे हैं।