नयी दिल्ली: माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने केन्द्र सरकार के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ जारी विवाद को देश की अर्थव्यवस्था के लिये विनाशकारी बताया है। येचुरी ने विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं के साथ केन्द्र के टकराव के पीछे सरकार के हठवादी रवैये को मुख्य वजह बताया। येचुरी ने सरकार पर सिर्फ अपनी मनमानी करने को आरोप लगाते हुये मंगलवार को ट्वीट कर कहा ‘‘किसी की नहीं सुनी। सिर्फ़ जुमला कसना और लोगों से झूठे वायदे करना मोदी सरकार का उद्देश्य है। आरबीआई के पूर्व गवर्नर की राय के ख़िलाफ़ नोटबंदी लागू कर के अर्थव्यवस्था तहस-नहस कर दी। अब फिर से विनाश की ओर।’’
किसानों की लगातार बढ़ती परेशानी के बारे में येचुरी ने कहा ‘‘किसान मूलभूत राहत और कर्जमाफी के लिये ‘बधिर’ सरकार के सामने लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं पेट्रोल डीजल की कीमत आसमान छू रही है। लेकिन सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं सिर्फ जुमलेबाजी और अपना प्रचार जारी है।’’ उन्होंने कहा कि केन्द्र की जुमला सरकार की प्राथमिकता अपने धनी मित्रों का तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ करना है।
येचुरी ने एक अन्य ट्वीट में सरकार की विज्ञापन नीति पर सवाल उठाते हुये कहा ‘‘मोदी सरकार अपने प्रचार पर पांच हजार करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। यह राशि सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा विज्ञापन पर खर्च की गयी राशि से अलग है। वहीं सरकार ने पिछले चार साल में मजदूरों से सीवर साफ कराने की समस्या के हल पर एक भी पैसा खर्च नहीं किया।’’