नई दिल्ली: शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने सोमवार को केंद्रीय मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया है। शिवसेना के टिकट पर मुंबई दक्षिण से लोकसभा सांसद अरविंद सावंत मोदी 2.0 सरकार में भारी उद्योग और लोक उपक्रम मंत्री थे। महाराष्ट्र में शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने की शर्त के रूप में एनसीपी ने यह शर्त रखी थी कि शिवसेना केंद्र में मोदी सरकार से अपना समर्थन वापल ले और उसके सांसद मंत्री परिषद से अपना इस्तीफा दें। एनसीपी प्रमुख शरद पवार की इस शर्त को पूरा करने के लिए ही सावंत ने अपना इस्तीफा दिया है।
राज्य में 288 सदस्यीय सदन में भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास सरकार बनाने का दावा जताने के लिए सोमवार को शाम साढ़े सात बजे तक का वक्त है। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस से बातचीत की कोशिशों में लगी है। वहीं, शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने रविवार को कहा कि शिवसेना को पहले राजग से अलग होना होगा।
फिलहाल शिवसेना के पास 56 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए उसे कम से कम 145 विधायकों की जरूरत है। राज्यपाल ने एक दिन पहले ही चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आयी भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया था। लेकिन कार्यकारी सरकार के प्रमुख मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बहुमत की कमी का हवाला देते हुए सरकार बनाने में असमर्थता जतायी।
अब राज्य में सरकार बनाने में कांग्रेस (44 विधायक) और राकांपा (54 विधायक) के 98 विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है। अगर शिवसेना महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाती है, तब भी उसके पास कुल 154 विधायक होंगे जो सामान्य बहुमत से कुछ ही ज्यादा है।