भोपाल: मध्य प्रदेश के बतौर मुख्यमंत्री दस वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं से मुखातिब होते हुए शनिवार को साफ कर दिया कि अभी उनकी इच्छा राज्य में ही रहकर राजनीति करने की है। इसके लिए उन्होंने एक कहावत 'दूध देती गाय को डोगर नहीं भेजते' का भी सहारा लिया। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं के बीच अपने 10 वर्ष के शासनकाल की उपलब्धियों और संकल्प का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया। जब उनसे आगामी योजना के बारे में पूछा गया तो उनका साफ जवाब था कि वे राज्य की राजनीति में पूरी तरह रच बस गए है, लिहाजा राज्य में ही रहकर राजनीति करना चाहते है। अभी उनकी कोई (केंद्र की राजनीति) और योजना नहीं है।
अभी हाल ही में बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतिश कुमार ने अपने राज्य में शराब बंदी का एलान किया है। इसी के मद्देनजर शनिवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान से सवाल पूछा गया कि क्या उनकी राज्य सरकार भी शराब बंदी पर विचार कर रही है, इस पर उनका कहना था कि "यह बड़ा ही कठिन काम है, क्यांेकि यह हमारे प्रदेश में कई स्थानों पर परंपरा व समाज से जुड़ी हुई है, लिहाजा उनकी सरकार नई शराब की दुकान नहीं खुलने देगी।"
उन्होंने अपने 10 वर्ष के शासनकाल पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि राज्य में सामाजिक समरसता का माहौल है, हर वर्ग का उन्हें समर्थन हासिल है और सभी के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा योजनाएं संचालित की जा रही हैं। राज्य में अधोसंरचना के विकास से लेकर सिंचाई आदि के क्षेत्र में बड़े काम हुए हैं।
देश में असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस पर चौहान ने कहा, "देश में असहिष्णुता बढ़ने की बात कहना बेमानी है, देश में पूरी तरह सहिष्णुता का माहौल है, यहां सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है, देश के कुछ हिस्सों में घटनाएं हुई उन्हें असहिष्णुता से जोड़ना ठीक नहीं है।"
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे साधारण किसान परिवार से आते हैं, उनका लक्ष्य खेती को फायदे का धंधा बनाने का संकल्प है। उस दिशा में उनकी ओर से प्रयास जारी है, यही कारण है कि बीते 10 वर्षों में राज्य ने काफी प्रगति की है। उत्पादन कई गुना बढ़ गया है। प्रतिव्यक्ति आय भी बढ़ी है।
मुख्यमंत्री पर नौकरशाही के हावी होने के आरोप लगते रहे हैं, इस पर चौहान का कहना है कि वे जो ठान लेते हैं वही करते हैं, नौकरशाही हावी होने की बात गलत है, वे प्रशासनिक अमले के साथ मिलकर एक टीम बनाकर काम करते है। अभी हाल में हुए रतलाम लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार के सवाल पर चौहान ने कहा कि लोकतंत्र में हार-जीत चलती रहती है। यह हो नहीं सकता कि सिर्फ एक पार्टी ही जीतती रहे।