नीमच (मध्यप्रदेश): मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा कथित रूप से कल मदारी कहे जाने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां कहा, ‘‘हां मैं मदारी हूं और 15 साल में इस मदारी ने मध्यप्रदेश को बदल दिया।’’ बुधनी में कल आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने इस शब्द पर कमलनाथ को जवाब देते हुए कहा था, ‘‘मैं ऐसा मदारी हूं, जिनके डमरु बजाते ही, बड़े बड़े बिजली के बिल शून्य हो जाते हैं। मैं ऐसा मदारी हूं, जो बच्चों की फीस भरते हैं और मध्यप्रदेश को बदलने का संकल्प लिया है।’’
इस पर कमलनाथ ने पलटवार करते हुए आज कहा कि शिवराज ने पिछले 13 वर्षों में ऐसा डमरू बजाया कि प्रदेश को विकास की बजाय बलात्कार, किसानों की आत्महत्या, बेरोजगारी, कुपोषण, रेत के अवैध उत्खनन और भ्रष्टाचार में देश में नंबर वन बना दिया है। नीमच जिले के मनासा में अपने ‘आशीर्वाद रथ यात्रा’ के दौरान चौहान ने आज जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘एक सवाल मैं कांग्रेस के नेताओं से पूछना चाहता हूं। उनके अध्यक्ष कमलनाथजी मेरे दोस्त हैं। वह कभी कहते हैं कि शिवराज नालायक हैं। कल कह रहे थे कि शिवराज मदारी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अरे भैया, इस मदारी ने पिछले 15 साल में मध्यप्रदेश बदल दिया है। तुमने (कांगेस) 50 साल तक क्या किया बता दो।’’
चौहान ने कहा, ‘‘कांग्रेस के मित्रों यह बताओ, बजट तुम्हारे पास भी होता था, पैसे तुम्हारे पास भी था, खजाना तुम्हारे पास भी था। आप बताओ तुमने इस मध्यप्रदेश की सड़के क्यों नहीं बनाई?’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने (भाजपा) सड़कों का जाल बिछाया और अच्छी सड़कें बनाई। तुमने (कांग्रेस) गड्ढ़ों का प्रदेश बनाया। तुम्हारे राज में बिजली का अता-पता नहीं था। हमने सूरज से बिजली पैदा की और जनता को बिजली दी। हमने सोलर पावर प्लांट लगाए।’’ चौहान ने कहा, ‘‘मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि हमने अमेरिका से अच्छी सड़के मध्यप्रदेश में बनाई हैं।’’
इसी बीच, कमलनाथ ने मीडिया से आज कहा कि मैंने शिवराज को मदारी नहीं कहा, लेकिन कल से वह खुद को मदारी बताने की रट लगा बैठे हैं। वे निरंतर अपनी ‘‘जनआशीर्वाद यात्रा’’ की सभाओं में खुद को मदारी बताते हुए कह रहे हैं कि उन्होंने प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में ऐसा डमरू बजाया कि आज प्रदेश ऐसा हो गया, वैसा हो गया। जबकि प्रदेश की जो तस्वीर वे बता रहे हैं, वैसी नहीं है, वास्तविकता कुछ और ही है।
कमलनाथ ने कहा, ‘‘वह (चौहान) ऐसा डमरू बजाते हैं कि प्रदेश की गढ्ढेदार सड़कें उन्हें अमेरिका से अच्छी दिखती हैं, प्रदेश मासूमों से दुष्कर्म में देश में शीर्ष पर हैं, व्यापमं में घूस लेने वाला बाहर और देने वाला जेल में। वह ऐसा डमरू बजाते है कि प्रदेश में आज किसानों के लिए खेती घाटे का धंधा, लेकिन किसान पुत्र शिवराज के लिए खेती लाभ का धंधा।’’
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार ने चार अगस्त को एक ही दिन में विभिन्न स्वरोजगार सम्मेलनों में 2.84 लाख युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार देने का दावा किया था। इस पर कमलनाथ ने कल कहा था कि यह सब कलाकारी है, गुमराह करने की बात है। घोषणाओं के लिए न बजट है, न पैसा है। मदारी की तरह घोषणाएं कर लें, इससे लोगों को क्या तसल्ली होगी। यह नौजवानों को ठगने का प्रयास है। इसी बयान पर कांग्रेस एवं भाजपा में जुबानी जंग छिड़ गई है।