भोपाल. मध्य प्रदेश की सियासत में आज नया अध्याय लिखा गया। सूबे के सीएम कमलनाथ ने आज फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया। शनिवार शाम भाजपा के दिग्गज नेता और सूबे के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनसे शिष्टाचार भेंट की। आपको बता दें कि ज्योतिरादित्या सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के 11 मार्च को विधायक के पद से अपना त्यागपत्र देने से सियासी संकट पैदा हुआ। इनमें से छह के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत स्वीकार कर लिये थे, जबकि 16 बागी विधायकों के इस्तीफे कल देर रात को मंजूर हुए थे। इससे कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आ गई थी। ये सभी विधायक वर्तमान में बेंगलुरू में ठहरे हुए हैं।
इससे पहले कमलनाथ ने एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी सरकार की 15 माह की उपलब्धियां गिनाई और भाजपा पर कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। कमलनाथ ने लगभग एक बजे राजभवन जाकर राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। कमलनाथ ने इस्तीफे में कहा है, "मैंने अपने 40 वर्षो के सार्वजनिक जीवन में हमेशा से शुचिता की राजनीति की है और प्रजातांत्रिक मूल्यों को सदा तरजीह दिया है। मध्यप्रदेश में पिछले दो सप्ताह में जो कुछ भी हुआ, प्रजातांत्रिक अवमूल्यन का एक नया अध्याय है।"