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मध्य प्रदेश में शिवराज और 'महाराज' के साथ आने से कांग्रेस को नुकसान के आसार

सिंधिया के करीबी और ग्वालियर इकाई के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष (ग्रामीण) मोहन सिंह राठौड़ का कहना है कि, आगामी तीन दिनों में 10 हजार से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भाजपा का दामन थामेंगे। 

Written by: IANS
Published on: August 21, 2020 19:38 IST
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Image Source : PTI मध्य प्रदेश में शिवराज और 'महाराज' के साथ आने से कांग्रेस को नुकसान के आसार

भोपाल/ग्वालियर. मध्य प्रदेश की सियासत में आने वाले तीन दिन काफी अहम हो सकते हैं, क्योंकि इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता बड़ी संख्या में भाजपा का दामन थाम सकते हैं। यह सब होने वाला है पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में। राज्य में कांग्रेस की सरकार गिराने और भाजपा का दामन थामकर राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार को पहली बार ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के दौरे पर जा रहे हैं।

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सिंधिया तीन दिन तक ग्वालियर में रहेंगे, उनके साथ इस प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी रहेंगे। पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार आगामी तीन दिन भाजपा के नेताओं का ग्वालियर में प्रवास रहेगा। इन तीन दिनों में ग्वालियर-चंबल विधानसभा क्षेत्रों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई जाएगी।

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सिंधिया के करीबी और ग्वालियर इकाई के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष (ग्रामीण) मोहन सिंह राठौड़ का कहना है कि, आगामी तीन दिनों में 10 हजार से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भाजपा का दामन थामेंगे। इनमें कांग्रेस के तीन दशक पुराने कार्यकर्ता और नेता भी पार्टी छोड़कर भाजपा में आएंगे, क्योंकि वे सिंधिया के साथ हैं और उन पर भरोसा है। अब तो सिंधिया के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हैं।

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ग्वालियर-चंबल अंचल के कांग्रेस के मीडिया प्रभारी के के मिश्रा का कहना है कि, "भाजपा के इस सदस्यता अभियान का कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि अगर सिंधिया का इस इलाके में इतना ही प्रभाव होता तो गुना का लोकसभा चुनाव नहीं हारते।" मिश्रा ने कार्यकर्ताओं से कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे राजनीति को अपनी आर्थिक समृद्घि का माध्यम मानने वाले अवसरवादियों की कठपुतली न बनें।

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स्थानीय राजनीति के जानकारों का मानना है कि आगामी समय में इस क्षेत्र के 16 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव सियासी तौर पर सिंधिया के लिए काफी अहम रहने वाले हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह क्षेत्र सिंधिया के प्रभाव का है और पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत का श्रेय भी उनके खाते में गया था। अब सिंधिया भाजपा में है, इसलिए भाजपा की जीत व हार उनके लिए काफी मायने रखेगी।

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