मुंबई: नासिक से मुंबई तक मार्च करते हुए आने वाले हजारों किसानों के विरोध प्रदर्शन को शिव सेना ने सोमवार को अपना समर्थन दिया। पार्टी ने कहा है कि वह किसानों के हाथों में लाल झंडे के बावजूद भी उन्हें समर्थन देगी। शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र को अलग राज्य बनाने के लिए हुए आंदोलन में वाम विचारधारा वाले नेताओं के आंदोलन को वह भूली नहीं है। CPM से संबंधित अखिल भारतीय किसान सभा इस आंदोलन की अगुवाई कर रही है।
दक्षिणी मुंबई का आजाद मैदान सोमवार सुबह हजारों किसानों के जमा होने से लाल हो गया। पिछले 6 दिन से तपती धूप में नासिक से 180 किलोमीटर की यात्रा कर यहां बहुत बड़ी तादाद में पहुंचे किसानों ने अपने हाथों में लाल झंडे थाम रखे हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा है, ‘यह संभव है कि सरकार किसानों को आश्वासन दे और यहां तक कि किसानों को भ्रम में डालने के लिए अपने कुछ मंत्रियों को भी वहां भेजे।’ मुखपत्र में कहा गया है, ‘हालांकि, किसानों की दृढ़ता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह सरकार की इस चालबाजी में नहीं फसेंगे।’
शिवसेना ने कहा कि इस बात को वह कोई महत्व नहीं देते हैं कि यह विरोध प्रदर्शन किस विचार, संगठन और रंग का प्रतिनिधित्व करता है। संपादकीय में कहा गया है, ‘इन किसानों की कोई जाति, धर्म या राजानीतिक विचारधारा नहीं है। किसानों के हाथों में लाल झंडा है। शिवसेना उन्हें कैसे समर्थन दे सकती है, यह एक प्रश्न है।’ शिवसेना ने कहा, ‘हम में मतभेद हैं, हालांकि महाराष्ट्र को अलग राज्य बनाने के उनके प्रदर्शन को भूलाया नहीं जा सकता। वह जो भूलते हैं, उन्हें राज्य का दुश्मन माना जाना चाहिए।’