मुंबई: शिवसेना के विधायकों ने महाराष्ट्र में सरकार गठन पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को सौंप दिया। ठाकरे की अध्यक्षता में उनके बांद्रा स्थित आवास मातोश्री में हुई पार्टी के सभी विधायकों की बैठक में विधायकों ने दोहराया कि पदों एवं जिम्मेदारियों की समान साझेदारी के फार्मूले को लागू किया जाएगा जिसपर लोकसभा चुनावों से पहले सहमति बनी थी। पार्टी विधायक शंभुराजे देसाई ने बैठक समाप्त होने के बाद संवाददाताओं को बताया, “शिवसेना विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर सरकार गठन के संबंध में अंतिम निर्णय लेने के लिए उद्धव ठाकरे को अधिकृत किया।”
देसाई ने इस बात से इनकार किया कि शिवसेना विधायकों के पाला बदलने के डर की वजह से उन्हें दक्षिण मुंबई के एक होटल में ठहराया जाएगा। शिवसेना अपने उस रुख पर कायम है कि लोकसभा चुनावों से पहले इस साल फरवरी में, यह तय हुआ था कि भाजपा और पार्टी के बीच पदों एवं जिम्मेदारियों को साझा किया जाएगा। शिवसेना जहां मुख्यमंत्री पद को साझा करने पर जोर दे रही है वहीं भाजपा ने इससे साफ इनकार कर दिया है।
वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कर दिया है कि वे महाराष्ट्र की क्षेत्रीय राजनीति में वापस नहीं जा रहे हैं और दिल्ली में ही रहेंगे। गुरुवार को नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के राजनितिक संकट पर बयान देते हुए कहा कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनेगी और देवेंद्र फडणवीस फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे।
नितिन गडकरी ने यह भी कहा राज्य में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनेगी और इसपर जल्द ही फैसला होगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनका केंद्रीय राजनिति से हटकर से महाराष्ट्र वापस होने का सवाल ही नहीं है।
इससे पहले सरकार बनाने को लेकर बीजेपी उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे का बड़ा बयान सामने आया है। सहस्त्रबुद्धे ने कहा है कि बीजेपी सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है। शिवसेना को मनाने की कोशिश हो रही है और सहयोगी दलों के साथ मिलकर मजबूत सरकार बनाएंगे।
गौरतलब है कि विधानसभा के चुनाव नतीजे आए 14 दिन हो गए हैं और विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में अब सिर्फ 48 घंटे का वक्त बचा है लेकिन बीजेपी और शिवसेना में जारी खींचतान को लेकर वहां अब तक सरकार नहीं बन पाई है।
बीजेपी और शिवसेना मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर उलझी हुई हैं जिससे 24 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में गठबंधन को 161 सीट मिलने के बावजूद सरकार गठन को लेकर गतिरोध बना हुआ है। 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में भाजपा को 105 सीटें, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।