मुंबई: महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम अब अपने अंतिम चरण पर पहुंचता हुआ दिखाई दे रहा है। अगर राज्य की सियासत में कोई औरर ट्विस्ट नहीं आता है तो कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन के नेता के तौर पर उद्धव ठाकरे एक दिसंबर को राज्य के मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। मंगलवार को तीनों दलों की बैठक में उन्हें गठबंधन का नेता चुना गया। सपा नेता अबू आजमी ने कहा कि उद्धव ठाकरे 28 नवंबर को शाम साढ़े पांच बजे शपथ लेंगे।
बैठक में जब उद्धव ठाकरे को गठबंधन का नेता चुनने का प्रस्ताव रखा गया तो NCP चीफ शरद पवार ने हाथ उठाकर उसका समर्थन किया। वहीं, बैठक में उद्धव ठाकरे ने शरद पवार के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। शरद पवार ने कहा कि "महाराष्ट्र की जिम्मेदारी के लिए उद्धव ठाकरो को मुबारकबाद। महाराष्ट्र में नये युग की शुरुआत हुई है। महाराष्ट्र बड़ा राज्य है। एक परिवर्तन की जरूरत थी। लोगों ने फैसला लिया।"
उन्होंने कहा कि "महाराष्ट्र की जरूरत को पुरा करने के लिए सही नेतृत्व की जरुरत थी। सबसे चर्चा करने के बाद हमने तय किया कि उद्धव ठाकरे को नेतृत्व सौंपा जाए। मैं हम सभी का अखंड साथ उद्धव ठाकरे को देने का भरोसा देता हूं।" इससे पहले NCP नेता जयंत पाटिल ने कहा कि "हम सभी चाहते हैं कि उद्धव बालासाहेब ठाकरे मुख्यमंत्री के रूप में हमारे गठबंधन का नेतृत्व करें।"
बैठक में कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि "नये युग की शुरुआत हो रही हैं। हम नया इतिहास लिख रहें हैं। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत आम लोगों के लिए काम करेंगे। सबका नेतृत्व करने की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे को दी गई हैं। हमें विश्वास हैं कि आम लोग खुश रहेंगे।" इसी के साथ कांग्रेस ने भी उद्धव ठाकरे को गठबंधन का नेता चुनने का समर्थन किया।
कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की बैठक के लिए NCP चीफ शरद पवार, NCP नेता जयंत पाटिल, शिवसेना नेता संजय राउत, शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे समेत तमाम विधायक भी पहुंचे। हालांकि, अजित पवार इस बैठक के लिए नहीं पहुंचे हैं। NCP नेता जयंत पाटिल ने कहा कि "अजित पवार बैठक में नहीं होंगे। मैं बाद में उनसे जाकर मिलूंगा।"