नई दिल्ली: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित का 81 साल की उम्र में निधन हो गया। वे 81 साल की थी। वे वर्तमान में दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष भी थी। शीला दीक्षित के राजनीतिक सफर का सबसे अहम समय 1998 से 2013 का रहा जब उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रही। 15 साल के उनके कार्यकाल में देश की राजधानी दिल्ली की रूपरेखा काफी बदल गई, जिसका श्रेय शीला दीक्षित के कुशल नेतृत्व को दिया जाता है।
शीला दीक्षित के कार्यकाल में दिल्ली अहम परिवर्तन हुए। इसमें सबसे अहम है देश की राजधानी में मेट्रो ट्रेन का परिचालन। मेट्रो ट्रेन शुरू होने से दिल्ली की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बदल गई। लोगों को सफर करने में काफी सूहलियत हुई। खुद शीला दीक्षित से भी जब कभी पूछा जाता था कि आपके कार्यकाल में सबसे अहम उपलब्धि क्या है, तो उनका पहला जवाब यही रहता था मेट्रो। वहीं दिल्ली में सीएनजी का आगमन भी उन्हीं के कार्यकाल में हुआ।
वहीं दिल्ली में हरियाली के लिए भी उन्होंने काफी काम किया। जब उन्होंने कार्यभार संभाला था दिल्ली की हरियाली पर संकट के बादल छाए थे। पेड़ों की तादाद दिन-ब-दिन घटती जा रही थी। लेकिन शीला दीक्षित ने हरियाली बढ़ाने को अभियान के तौर पर लिया। कुछ ही दिनों में देश की राजधानी में हरियाली छाने लगी। पौधरोपण को काफी बढ़ावा मिला। वहीं दिल्ली के स्कूलों और अस्पतालों के लिए भी उनके कार्यकाल में कई योजनाएं बनीं। दिल्ली में फ्लाईओवर भी उन्हीं के कार्यकाल में बने।
दिल्ली में ट्रिपल आईआईटी का काम भी उन्हीं के कार्यकाल में हुआ। वहीं बीआरटी की योजना भी बड़े जोर-शोर से शुरू हुई लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई। वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स भी शीला दीक्षित के कार्यकाल में ही सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। हालांकि कॉमनवेल्थ को लेकर घोटाले की बात भी सामने आई। शीला दीक्षित का कार्यकाल में ही पहली बार लड़कियों को स्कूल में लाने के लिए उन्हें 'सेनेटरी नैपकिन' बंटवाए गए।
शीला दीक्षित के कार्यकाल की अहम उपलब्धियां
1. मेट्रो ट्रेन का परिचालन
2. सीएनजी गाड़ियां
3. व्यस्त चौराहों पर फ्लाईओवर का निर्माण
4. ट्रिपल आईआईटी
5. कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन
6. राजधानी को हरा-भरा बनाने की योजना