नई दिल्ली: दिल्ली में बिजली बिल से जुड़े फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी, बिजली की कटौती और ‘पानी की किल्लत’ के मुद्दों को लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का छह महीने का बिजली बिल माफ करने की मांग की। केजरीवाल के आवास पर उनसे मुलाकात के समय दीक्षित के अलावा दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ और राजेश लिलौठिया भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में दिल्ली कांग्रेस ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि आम आदमी पार्टी सरकार को अगले 6 महीने के लिए दिल्ली के लोगों से बिजली के बिल नहीं लेने चाहिए क्योंकि उसने फिक्स्ड चार्ज के जरिए 7,401 करोड़ रुपये अवैध ढंग से वसूले हैं।’’
मुलाकात के बाद यूसुफ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने फिक्स्ड चार्ज बढ़ाए जाने और दिल्ली के कई इलाकों में पानी की भारी किल्लत के मुद्दे उठाए हैं। केजरीवाल सरकार के मंत्री कहते हैं कि वे चुनाव आचार संहिता की वजह से फिक्स्ड चार्ज को कम नहीं कर पा रहे थे। हकीकत यह है कि यह पिछले एक साल से बढ़ा हुआ है जब लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू भी नहीं हुई थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल सरकार की ओर से यह खोखला दावा किया जा रहा है कि 24 घंटे बिजली मुहैया कराई जा रही है, जबकि गरीब बस्तियों में बिजली की बेतहाशा कटौती हो रही है। शीला दीक्षित के दौर में बिजली कटौती की शिकायत पर तत्काल कदम उठाया जाता था। हमने मांग की है कि कटौती रोकी जाए और फिक्स्ड चार्ज कम किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी वापस लेंगे। ’’ यूसुफ ने कहा, ‘‘दिल्ली के कई इलाकों में पानी की किल्लत है। यह सरकार मुफ्त पानी की बात करती है लेकिन लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। हमने कहा कि पानी की किल्लत को तत्काल दूर किया जाए।’’
उधर, दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘‘कांग्रेस शासित राज्यों में बिजली की दर दिल्ली के मुकाबले तीन-चार गुना ज्यादा है। मैं उन राज्यों से अपील करता हूं कि वे बिजली की दर दिल्ली के स्तर पर ले आएं।’’ उन्होंने दिल्ली कांग्रेस के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार में दिल्लीवासियों के बिजली बिल में बहुत कमी आई है।