मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को संकेत दिये कि 2019 के आम चुनावों से पहले राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव-पूर्व विपक्षी गठबंधन की संभावना नहीं है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ राजग को हराने के प्रयास के तहत वह गैर-भाजपा दलों को साझा मंच पर लाने का प्रयास कर रहे हैं।
पवार ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद अगर मोदी सरकार जाती है तो सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाला कोई भी विपक्षी दल प्रधानमंत्री पद के लिये दावेदारी कर सकता है। पवार ने एक निजी समाचार चैनल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बातचीत के दौरान कहा कि वे राष्ट्रीय स्तर पर एकसमान गठबंधन की संभावना नहीं देखते, क्योंकि राज्य दर राज्य जमीनी स्थिति बदलती रहती है। उन्होंने कहा विभिन्न दलों से बात कर उन्हें साझा मंच पर लाने की कोशिश कर रहा हूं। पवार ने कहा कि देश में मौजूदा स्थिति वैसी ही है जैसी की 2004 में थी।
शरद पवार ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र में सरकार बदलेंगी। कोई एक दल विकल्प नहीं दे सकता और नहीं लगता कि नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री रहेंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख ने कहा कि किसी ने भी नहीं सोचा था कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे लेकिन उन्होंने 10 सालों तक एक स्थायी सरकार दी।
पवार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कद भाजपा और देश में मोदी से कहीं बड़ा था। इसके बावजूद बदलाव हुआ। राजनीति में कभी निर्वात नहीं रहता। अब भी एक विकल्प होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के सत्ता में बने रहने पर वह महाराष्ट्र से आने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का समर्थन करेंगे, पवार ने कहा कि वे भाजपा से किसी का समर्थन नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि एच डी देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल ‘‘दुर्घटनावश’’ प्रधानमंत्री बने और वह ऐसी ‘‘दुर्घटनाओं’’ का हिस्सा नहीं होना चाहते। कांग्रेस के राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार के तौर पर पेश नहीं करने के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बयान पर पवार ने कहा कि चिदंबरम ने जो कहा वह कांग्रेस पार्टी का रुख है। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी से अपनी अब तक की सभी बातों के दौरान, मैंने महसूस किया कि कहीं भी प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने पर जोर नहीं था बल्कि मौजूदा सरकार को बदलने का मुद्दा था।’’ 2019 के आम चुनावों को ‘‘मोदी बनाम गांधी मुकाबले’’ के तौर पर पेश करने के प्रयासों पर पवार ने कहा, ‘‘यह भाजपा की रणनीति है जो कारगर नहीं होगी।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष के राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन बनाने में विफल रहने से नुकसान होगा, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ज्यादा नुकसान नहीं होगा।’’ उन्होंने अपनी पार्टी के कांग्रेस में विलय से भी इनकार किया। मोदी सरकार के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि मौजूदा सरकार से लोगों की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं।