मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी सत्ता में काबिज हैं। आए दिन इन पार्टियों के बीच कोई न कोई मतभेद देखने को मिलता है, जिस वजह से राज्य में सरकार के भविष्य पर जमकर चर्चा भी लगातार हो रही है। इन चर्चाओं को लगातार हवा देते हैं राजनेताओं के बयान। अब केंद्र सरकार में मंत्री रामदास अठावले ने भी एक ऐसा ही बयान दे दिया है।
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रामदास अठावले ने कहा है कि शिवसेना को दोबारा भाजपा के साथ गठबंधन कर लेना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, "अगर शिवसेना हमारे साथ नहीं आती है तो मैं एनसीपी चीफ शरद पवार से अपील करूंगा कि वो महाराष्ट्र के विकास के लिए एनडीए में शामिल हो जाएं। उन्हें भविष्य में उच्च पद दिया जा सकता है। शिवसेना के साथ रहने का कोई फायदा नहीं है।"
शिवसेना और शिअद के निकलने के बाद NDA में अब क्या बचा?: सामना
कृषि विधेयकों के विरोध में केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से शिरोमणि अकाली दल के निकलने के बाद शिवसेना ने सोमवार को आश्चर्य जताया कि क्या राजग का अब भी वास्तव में कोई वजूद है। उसने साथ ही सवाल किया कि अब इसमें और कौन बाकी हैं। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है कि यह अजीब है कि राजग के 'अंतिम स्तंभ' अकाली दल को गठबंधन से हटने से नहीं रोका गया।संपादकीय में कहा गया है, "जब बादल (राजग से) हटे तो उन्हें रोकने की कोई कोशिश नहीं की गयी। इससे पहले शिवसेना भी राजग से हटी। इन दोनों हटने के बाद राजग में अब बचा क्या है? जो अब भी गठबंधन में हैं उनका क्या हिंदुत्व से क्या कोई लेना देना है?’’ संपादकीय में कहा गया है, ‘‘पंजाब और महाराष्ट्र वीरता का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा शिअद एवं शिवसेना इस वीरता एवं बहादुरी का चेहरा हैं।’’
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संपादकीय में कहा गया है, ‘‘अब जब कुछ ने इस गठबंधन को 'राम-राम' (अलविदा) कह दिया है और इसलिये राजग में अब राम नहीं बचे हैं जिसने अपने दो शेर (शिवसेना एवं शिअद) खो दिये हैं।’’ संसद में कृषि विधेयकों के पारित किये जाने के विरोध में अकाली दल ने शनिवार को राजग से नाता तोड़ लिया। शिवसेना एवं तेलुगु देशम पार्टी के बाद हाल के समय में राजग से गठबंधन तोड़ने वाला अकाली दल तीसरा बड़ा घटक है। (With inputs from ANI/Bhasha)