नई दिल्ली: NCP प्रमुख शरद पवार मंगलवार को दिल्ली स्थित अपने आवास पर विपक्ष के कई नेताओं के साथ करीब ढाई घंटे लंबी बैठक की। बैठक के बारे में माना जा रहा है कि इसका उद्देश्य केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को टक्कर देने और अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष को एकजुट होकर लड़ने के लिए मनाना था लेकिन बैठक में शामिल किसी नेता द्वारा ऐसा आधिकारिक बयान नहीं दिया, जिसमें यह बातें कही गई हों।
बैठक के बाद शरद पवार के घर से निकले नेताओं बताया कि यह राष्ट्र मंच की बैठक थी। NCP नेता माजिद मेनन ने कहा, "आज दिल्ली में राष्ट्र मंच की बैठक हुई। यह बैठक भाजपा के ख़िलाफ़ एकजुट पार्टियों की बैठक नहीं थी और ना ही कांग्रेस को बहिष्कार करने के लिए आयोजित हुई थी। कांग्रेस को भी निमंत्रण दे रखा था। इस बैठक में देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर बातचीत हुई।"
बैठक में कांग्रेस की ओर से कोई नेता शामिल नहीं हुआ था। ऐसे में इसे लेकर तमाम तरीके के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन NCP नेता माजिद मेनन ने कहा, "हमने कांग्रेस के 5 सांसदों को बैठक में आमंत्रित किया था लेकिन वे किसी मज़बूरी के कारण बैठक में नहीं आ पाए।" वहीं, TMC नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, "राष्ट्र मंच की बैठक लगभग 2.5 घंटे चली। इस बैठक में बहुत सारे मुद्दों पर चर्चा की गई।"
हालांकि, आपको बता दें कि बैठक शुरू होने से पहले CPI सांसद बिनोय विस्वाम ने कहा था, "सबसे ज्यादा नफरत की वाली सरकार, जो विफल रही है, उसके खिलाफ यह सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक वाम ताकतों का एक मंच है। देश को बदलाव की जरूरत है। लोग बदलाव के लिए तैयार हैं।" वह भी बैठक में शामिल थे।
CPI सांसद बिनोय विस्वाम के अलावा तृणमूल कांग्रेस के यशवंत सिन्हा, गीतकार जावेद अख्तर, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उमर अब्दुल्ला और RLD के अध्यक्ष जयंत चौधरी सहित कई नेता बैठक में हिस्सा लेने के लिए शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे थे।
गौरतलब है कि इससे पहले शरद पवार ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से दस दिनों में दूसरी बार मुलाकात की। चर्चा यह है कि किशोर-पवार की मुलाकात अगले आम चुनावों के मद्देनजर और समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने के उद्देश्य से बड़ी योजना का हिस्सा हो सकती है।