गुजरात हाई कोर्ट ने गोंडल से बीजेपी विधायक जयराजसिंह जडेजा को निलेश रैयानी हत्या मामले में आजन्म कारावास की सज़ा सुनाई है। रैयानी की हत्या 8 फरवरी 2004 को राजकोट में हुई थी।
ग़ौरतलब है कि राजकोट के सेशन कोर्ट ने 2010 में जडेजा को बरी कर दिया था लेकिन जस्टिस अकील कुरैशी और बीएन बीरेन वैश्नव की खंडपीठ ने ये फ़ैसला बदलते हुए जडेजा और उनके दो साथियों को उम्र क़ैद की सज़ा सुना दी।
कोर्ट ने विधायक और उनके दो साथियों 30 सितंबर तक पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा है।
क़ानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जडेजा को कोर्ट से राहत नहीं मिली तो विधानसभा की उनकी सदस्यता ख़त्म हो जाएगी।
राजकोट कोर्ट ने इस मामल में सिर्फ समीर ख़ान पठान को ही उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी। पठान के वकील आफ़ताब अंसारी ने कहा, "ये हत्या राजनीतिक रंजिश की वजह से हुई। जडेजा ने रैयानी पर दो गोलियां चलाईं जबकि उसके साथियों ने हथियारों से हमला किया।"
अंसारी ने कहा, "इस मामले में 16 अभियक्त थे और राजकोट कोर्ट ने समीर ख़ान साजिद ख़ान पठान को उम्र क़ैद की सज़ा दी जबकि विधायक सहित बाक़ी 15 अभियुक्तों को बरी कर दिया था। पठान और राज्य सरकार ने 2011 में हाई कोर्ट में अपील की थी और हमें राहत मिली।"