Monday, December 23, 2024
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शरद यादव के करीबी का दावा, नहीं बनेंगे मंत्री, बनाएंगे नई पार्टी!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बीच मतभेद की अटकलों के बीच समाजवादी नेता और पूर्व विधान पार्षद विजय वर्मा ने शरद के महागठबंधन में बने रहने के लिए एक नई पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं।

Edited by: India TV News Desk
Updated : August 02, 2017 19:19 IST
sharad yadav
sharad yadav

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बीच मतभेद की अटकलों के बीच समाजवादी नेता और पूर्व विधान पार्षद विजय वर्मा ने शरद के महागठबंधन में बने रहने के लिए एक नई पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं।

शरद यादव के विश्वस्त माने जाने वाले और दो बार बिहार विधान परिषद सदस्य रहे विजय वर्मा ने शरद के महागठबंधन में बने रहने के लिए एक नई पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं, पर जेडीयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने इसे अफवाह बताया है। जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने शरद की नाराजगी को आज खारिज कर दिया।

वर्मा ने कहा कि शरद जी पुराने साथियों के संपर्क में हैं और राजनीतिक हालात पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए दल का गठन एक विकल्प है और उस पर संजीदगी से विचार किया जा रहा है। वर्मा ने दावा किया कि शरद जी ने जोर देकर कहा है कि वे धर्मनिरपेक्ष शक्ति वाले महागठबंधन में बने रहेंगे और इसी को जेहन रखते हुए वे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मिले थे।

उन्होंने कहा कि शरद जी ने एनडीए सरकार में मंत्री के तौर पर शामिल होने से इंकार किया है। यह पूछे जाने पर कि अन्य किन किन लोगों से शरद यादव की बातचीत हुई है वर्मा ने नाम का खुलासा करने से इंकार करते हुए कहा कि उनका सोशल नेटवर्क बहुत बड़ा है।

होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई की प्राथमिकी पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के जनता के बीच स्पष्टीकरण नहीं देने पर नीतीश के महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में शामिल भाजपा और उसके अन्य सहयोगी दलों के साथ प्रदेश में नई सरकार बनाने लेने पर चुप्पी साधे रहने के बाद जेडीयू के राज्यसभा सदस्य शरद ने इसको लेकर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जतायी है।

गत 31 जुलाई को संसद के बाहर शरद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि जनादेश इसके लिए नहीं था और महागठबंधन के बिखरने को अप्रिय और दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। शरद के करीबी माने जाने के सी त्यागी ने इसे अफवाह बताते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य (भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर) व्यक्त किया है पर कभी नहीं कहा कि मेरा विरोध है।

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