Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. राहुल गांधी को केदारनाथ मंदिर के दर्शन के दौरान हुई थी ‘‘कुछ अनूभूति’’, जानिए क्या

राहुल गांधी को केदारनाथ मंदिर के दर्शन के दौरान हुई थी ‘‘कुछ अनूभूति’’, जानिए क्या

राहुल गांधी आधे घंटे तक केदारनाथजी के समक्ष बैठे रहे। वह कुछ ध्यान मग्न होकर बैठे और मन ही मन कुछ बुदबुदा रहे थे...

Reported by: Bhasha
Updated : December 17, 2017 15:43 IST
rahul gandhi
rahul gandhi

नई दिल्ली: गुजरात चुनाव के दौरान विभिन्न मंदिरों में जाकर दर्शन करने के कारण कई बार सुर्खियों में आये कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में उन्हीं की पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि राहुल जब हिमालय में करीब 3,500 मीटर ऊंचाई पर बसे विख्यात ज्योर्तिलिंग केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने गये थे तो वहां वह करीब आधे घण्टे ध्यानमग्न रहे थे और उन्हें वहां कुछ ‘‘अनुभूति’’ हुई थी।

राहुल के बारे में यह खुलासा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ‘भाषा’ के साथ विशेष बातचीत में किया। उन्होंने यह भी कहा कि उस दौरे में केदारनाथ मंदिर का दर्शन करने के बाद ही राहुल ने अन्न ग्रहण किया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि राहुल और कांग्रेस नेता धर्म को व्यक्तिगत आस्था का विषय मानते हैं और इस बारे में सार्वजनिक चर्चा से बचते हैं।

रावत ने गुजरात चुनाव के दौरान राहुल गांधी के कई मंदिरों में जाने को लेकर भाजपा द्वारा कटाक्ष किये जाने का उल्लेख करते कहा कि केदार त्रासदी के समय उन्होंने स्वयं देखा है कि राहुल ने केदारनाथ मंदिर जाते समय अपने हाथों से मलबा उठाया था। उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी घटना तब की है जब मैं (उत्तराखंड का) मुख्यमंत्री बन गया था। राहुलजी का फोन आया कि मैं केदारनाथ जाना चाहता हूं। मैंने हेलीकाप्टर आदि का प्रबंध किया। किंतु उन्होंने कहा कि वह पैदल ही केदारनाथ मंदिर जाएंगे।’’

रावत ने बताया कि उन्हें एवं उनके सुरक्षाकर्मियों को उम्मीद थी कि राहुल उस समय पांच-सात मिनट केदारनाथजी के समक्ष बैठेंगे। किंतु राहुल गांधी वहां आधे घंटे तक बैठे रहे। ‘‘वह कुछ ध्यान मग्न होकर बैठे और मन ही मन कुछ बुदबुदा रहे थे। उन्होंने मुझसे दो-तीन दिन पहले पूछा था कि केदारनाथजी का कोई भजन है। उन्होंने बाद में मुझसे यह भी कहा कि केदारनाथजी का एक अलग से भजन भी बनवाइये। मैंने फिर एक भजन भी तैयार करवाया, ‘जय केदारा।’’

रावत ने बताया कि मंदिर से निकलने के बाद राहुल ने उनसे कहा, ‘‘मुझे यहां बड़ी अनुभूति हुई,जैसे कि कोई एक प्रकाश उससे निकल रहा है, जो हम सभी को ब्लेस (कृपा) कर रहा है।’’ रावत ने कहा कि यह बातें बताती हैं कि उनके मन में कितनी भक्ति है। हां, यह एक अंतर जरूर है कि कांग्रेस में हम सब भक्ति, आस्था, पूजा आदि को व्यक्तिगत तौर पर लेते हैं। उसकी सार्वजनिक चर्चा करने से बचते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उस दिन मैंने राहुलजी में आस्था का जो रूप देखा, उसे मैं भूल नहीं सकता।’’ उन्होंने यह भी कहा कि यदि वह गुजरात चुनाव के दौरान सोमनाथ मंदिर के दर्शन नहीं करते तो उन्हें आश्चर्य जरूर होता। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि राहुल गांधी ने केदरानाथ मंदिर के दर्शन से पहले कुछ भी नहीं खाया था। दर्शन के बाद ही उन्होंने कुछ जलपान लिया।

कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि पार्टी के समक्ष सवाल केवल 2019 का नहीं है बल्कि यह भी है कि 21वीं शताब्दी में राहुल राष्ट्रीय नेतृत्व को दिशा दे सकें। इसके लिए संगठन को सही ढंग से खड़ा करना है ताकि लग सके कि अकेले राहुल ही नहीं उनके साथ संगठन भी देश में बदलाव लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। संगठन के बारे में उन्होंने जो कुछ सोच रखा है उसे लागू करना उनकी दूसरी चुनौती होगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement