भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में बवाल मचता दिखाई दे रहा है। गुटों में बंटी कांग्रेस में अब टकराव साफ नजर आ रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अब अपनी ही पार्टी के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाते दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस को आत्मचिंतन की नसीहत देने के बाद ज्योतिरादित्य ने एकबार फिर अपनी सरकार को घेरा है। इस बार सिंधिया ने किसान कर्ज माफी को लेकर कमलनाथ सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
भिंड में एक कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि किसानों का जो कर्जा माफ हुआ है वह पूर्ण रूप से नहीं हुआ है। केवल 50,000 का कर्जा माफ हुआ है, जबकि 2,00,000 का कर्जा माफ करने का वादा किया था। जाहिर है अब तक कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर यह हमला भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे थे। अब इसी कर्ज माफी पर खुद सिंधिया ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
जी का जंजाल बना किसान कर्ज माफी का वादा
15 सालों बाद कांग्रेस के लिए सत्ता की सीढ़ी बनी किसान कर्ज माफी 9 महीने के बाद भी कांग्रेस सरकार के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है। 10 दिनों में राहुल गांधी के कर्ज माफी के वादे के बावजूद ज्यादातर किसानों की कर्ज माफी नहीं हुई है। प्रदेश के कई जिलों में जिन किसानों ने लोन लिया है उन्हें बैंकों से कर्ज वसूली के नोटिस भी आने शुरू हो गए हैं। जाहिर है ऐसे में किसानों की नाराजगी के साथ-साथ भाजपा भी कर्ज माफी के बाद को धोखा बताते नजर आती है।
कर्ज माफी का पूरा गणित
मध्य प्रदेश में 48 लाख किसानों की कर्ज माफी होनी थी। पहले चरण में 8 महीने में 20 लाख किसानों का 50,000 तक का कर्ज माफ किया गया। 2 लाख रुपये के ऐसे कर्ज भी माफ कर दिए गए थे, जो नहीं चुकाए जाने की वजह से गैर-निष्पादित संपत्ति यानी डूबत खाते के कर्ज बन गए थे।
सरकार दूसरे चरण में 50 हजार से एक लाख रुपए तक के कर्ज माफ करने पर काम शुरू कर चुकी है। इसमें वो किसान पहले आएंगे जिनका एक आधार कार्ड पर एक ही बैंक खाता है। इस आधार पर दूसरे चरण में करीब नौ लाख किसानों को फायदा मिलेगा। बीते 8 महीनों में सरकार ने 20 लाख से ज्यादा किसानों की कर्ज माफी पर 7000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। कर्ज माफी में 45 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होने है।
सिंधिया को सज्जन वर्मा की नसीहत
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर मध्य प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन वर्मा ने उन्हें नसीहत दे डाली कि पहले कमलनाथ सरकार के साथ बैठ जाओ, प्लानिंग देखो, तब पता चलेगा कैसे कर्ज माफ हो रहा है। सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 20,00,000 किसानों का 50,000 तक का कर्जा माफ हो गया है। 12.30 लाख किसानों की सूची फिर आ रही है इसमें कोऑपरेटिव सोसायटी आरआरबी बैंक भी है। तीसरी किस्त में बचे हुए जो थोड़ी-बहुत बस जाएंगे उनके आएंगे तो सरकार के साथ बैठकर अपन भी कुछ समझते हैं। हमारे सुझाव अमूल्य हैं, मुख्यमंत्री को दें