नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के तीन जिलों में रथ यात्रा की अनुमति नहीं देने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी की याचिका पर शीघ्र सुनवाई से सोमवार को इंकार कर दिया। भाजपा का तर्क है कि राज्य में शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा आयोजित करने के मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। भाजपा ने उच्च न्यायालय के 21 दिसंबर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया है। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस आदेश में रथयात्रा की अनुमति देने संबंधी एकल न्यायाधीश का आदेश निरस्त कर दिया था।
पार्टी ने अंतरिम राहत के रूप में उच्च न्यायालय के 21 दिसंबर के फैसले पर एकतरफा रोक लगाने का भी अनुरोध किया है। भाजपा ‘लोकतंत्र बचाओ’ अभियान के तहत ये रथ यात्रायें आयोजित करना चाहती है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा इस रथ यात्रा के माध्यम से पश्चिम बंगाल के 42 संसदीय क्षेत्रों में पहुंचने का प्रयास कर रही है। भाजपा ने सोमवार को यह याचिका दायर की परंतु शीर्ष अदालत इस समय शीतकालीन अवकाश की वजह से एक जनवरी तक बंद है। अधिवक्ता ईसी अग्रवाल के माध्यम से दायर इस याचिका में भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार, उसके मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, पुलिस महानिदेशक और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) को प्रतिवादी बनाया है।
याचिका में कहा गया है कि पार्टी को शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा का आयोजन करने के उसके मौलिक अधिकार से सिर्फ अनुमानों के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता जैसा कि राज्य के प्राधिकारी पहले भी बार-बार करते रहे हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार बार-बार नागरिकों के मौलिक अधिकार पर ‘हमला’ कर रही है और इसी वजह से विभिन्न संगठनों को अनुमति देने से इंकार करने के सरकार के रवैये को अलग-अलग याचिकाओं में चुनौती दी जा रही है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि पहले भी कई अवसरों पर भाजपा को परेशान करने के इरादे से उसे अनुमति देने से इंकार किया गया जिसे बाद में उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में है जबकि भाजपा विपक्ष में है।
याचिका के अनुसार भाजपा ने पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने को लेकर भय और मतदान बाद की हिंसा जैसी अराजकता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय किया है। पार्टी ने राज्य में पंचायत चुनावों में 34 प्रतिशत सीटों के निर्विरोध निर्वाचन के तथ्य का उल्लेख भी अपनी याचिका में किया है। मूल कार्यक्रम के तहत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बंगाल के कूच बिहार जिले से सात दिसंबर को इस रथ यात्रा की शुरूआत करने वाले थे। इसके बाद यह रथयात्रा नौ दिसंबर को दक्षिणी 24 परगना के काकद्वीप और 14 दिसंबर को बीरभूम में तारापीठ मंदिर से शुरू होनी थी।