नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि सरकारी योजनाओं को वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाने से सरकार को सालाना 90,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा कि आधार संवैधानिक रूप से वैध है। हालांकि पीठ ने बैंक खातों को आधार से जोड़ने, मोबाइल फोन कनेक्शन तथा स्कूल में दाखिले के लिए विशिष्ट पहचान संख्या की अनिवार्यता खत्म कर दी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में आयकर रिटर्न तथा स्थायी खाता संख्या (पैन) से आधार जोड़ने के प्रावधान को बरकरार रखा है।
जेटली ने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक निर्णय है और न्यायिक समीक्षा के बाद विशिष्ट पहचान संख्या की पूरी धारणा को स्वीकार किया गया है। यह स्वागत योग्य निर्णय है।
जेटली ने कहा, ‘‘देश में अब 122 करोड़ लोगों के पास आधार संख्या है और हमारा अनुमान है कि सरकारी योजनाओं के लिए वास्तविक लाभार्थियों की पहचान तथा गलत या फर्जी लोगों को हटाए जाने से हमने सालाना करीब 90,000 करोड़ रुपये की बचत की है।’’