नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जहां वीर सावरकर की जयंती पर नमन किया और मजबूत भारत में उनकी भूमिका की बात कही वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीर सावरकर को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिस पर आज उनकी जयंती पर बवाल मच सकता है।
भूपेश बघेल ने देश के बंटवारे के लिए जिन्ना के साथ-साथ सावरकर को भी जिम्मेदार बताया है। सोमवार को रायपुर में जवाहर लाल नेहरू की 55वीं पुण्यतिथि के मौके पर उन्होंने कहा कि देश के विभाजन में नेहरू को दोष देना बिलकुल गलत है बल्कि विनायक दामोदर सावरकर ने सबसे पहले हिन्दू-मुस्लिम राष्ट्र की कल्पना की थी और उस काम को जिन्ना ने अंजाम तक पहुंचाया।
उन्होंने नेहरू की 55वीं पुण्यतिथि के अवसर पर राजीव भवन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सावरकर ने जो हिन्दू सभा के नेता थे, उन्होंने विभाजन के बीजारोपण का कार्य किया था जिसे साकार जिन्ना ने किया।
कार्यक्रम के बाद बघेल ने संवाददाताओं से कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि हिंदू महासभा में सावरकर ने प्रस्ताव रखा था कि हिंदुस्तान आजाद हो तो दो राष्ट्र के रूप में हो। धार्मिक आधार पर उन्होंने दो राष्ट्र की मांग रखी और जिन्ना ने उसे क्रियान्वित किया। यह ऐतिहासिक तथ्य है और इसे कोई झुठला नहीं सकता।
इस बीच बघेल के बयान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उनको इतिहास पढ़ने की सलाह दी है। सिंह ने कहा है कि उन्हें (भूपेश बघेल को) इतिहास को फिर से पढ़ना चाहिए, उसको फिर से समझना चाहिए। इतिहास की समझ होनी चाहिए। विभाजन और विभाजन की पृष्ठभूमि क्या थी उस पर आज बहस की जरूरत नहीं है। मगर कम ज्ञान में ज्यादा बात बोलना ठीक नहीं होता है।