चेन्नई: दरकिनार किए गए अन्नाद्रमुक नेता टी टी वी दिनाकरन ने सोमवार को कहा कि वह CBI समेत किसी भी जांच एजेंसी को उनकी मौसी वी के शशिकला द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता का अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान शूट किया गया वीडियो सौंपने को तैयार हैं। दिनाकरन ने कहा कि वीडियो को अब तक जारी नहीं किया गया है क्योंकि जयललिता नाइटी में थीं। दिनाकरन का बयान द्रमुक के नेतृत्व में विपक्ष द्वारा राज्य के एक मंत्री के बयान का हवाला देते हुए जयललिता के उपचार और उनकी मौत की CBI जांच की मांग किए जाने के बाद आया है। राज्य के एक मंत्री ने हाल में कहा था कि अन्नाद्रमुक के नेताओं ने अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में झूठ बोला।
दिनाकरन ने कहा, ‘अम्मा (जयललिता) का वजन घट गया था। यह वीडियो मेरी मौसी (शशिकला) ने खुद शूट किया था। आप सब जानते हैं कि किसी ने भी अम्मा को नाइटी में नहीं देखा होगा, किसी पदाधिकारी ने भी नहीं देखा होगा। जब 1989 में दुर्घटना होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी उन्हें देखने आए थे तब भी उन्होंने पूरे कपड़े पहन रखे थे। उन्होंने उस गरिमा को हमेशा कायम रखा।’ उन्होंने कहा कि लूज नाइटी में जयललिता का वीडियो शशिकला ने उस वक्त शूट किया था जब उन्हें अपोलो अस्पताल के ICU से एक कमरे में स्थानांतरित किया गया था। दिनाकरन के अनुसार जब विपक्ष ने पहले जयललिता के उपचार और उनकी मौत पर संदेह जताया था तो शशिकला ने खुद सुझाया था, हमें मामले की न्यायिक जांच की मांग करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने सुझाव दिया था कि हम खुद न्यायिक जांच की मांग कर सकते हैं जहां हम वीडियो सौंप सकते हैं। अगर हमने अब वीडियो जारी किया तो इसकी प्रामाणिकता पर चर्चा होगी। इसलिए हम इसे CBI हो या इंटरपोल उचित मंच पर सौंपने को तैयार हैं। हमें किसी बात का डर नहीं है।’ मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन करने के आदेश पर दिनाकरन ने कहा कि यह सिर्फ उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम का संदेह दूर करने का प्रयास है, जिन्होंने पहले मामले को लेकर संदेह जताया था। पनीरसेल्वम ने इससे पहले जयललिता की मौत की जांच की मांग की थी। दिनाकरन ने कहा कि मामले की जांच करने वाले आयोग की अध्यक्षता किसी वरिष्ठ वर्तमान न्यायाधीश को करनी चाहिये, न कि किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को।