नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंति 31 अक्तूबर के दिन उनको याद करते हुए लिखा है कि सरदार पटेल भीतर से कांग्रेसी थे। राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हेंडल पर लिखा, “सरदार पटेल एक देशभक्त थे जो संयुक्त, धर्म निरपेक्ष और आजाद भात के लिए लड़े, वह स्टील जैसे मजबूत इरादे रखने वाले व्यक्ति थे और भीतर से कांग्रेसी थे, उनके अंदर कट्टरता और साम्प्रदायिकता के लिए किसी तरह की सहिष्णुता नहीं थी और उनके जन्मदिन के अवसर पर मैं भारत की इस महान संतान को प्रणाम करता हूं।
इधर बुधवार को सरदार पटेल की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के नजदीक केवड़िया में सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया। सरदार पटेल की यह प्रतिमा पूरी दुनिया में किसी भी मौजूद प्रतिमा में सबसे बड़ी है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की 10 मुख्य बातें
- प्रतिमा की कुल ऊंचाई 182 मीटर है। प्रतिमा में लगे पैर की ऊंचाई 80 फीट है जबकि हाथ की 70 फीट, कंधा 140 फीट और चेहरे की ऊंचाई 70 फीट है।
- अगर आपकी लंबाई 5.6 फीट है तो यह प्रतिमा आपसे 100 गुना बड़ी होगी
- प्रतिमा का निर्माण लार्सन एंड टूब्रो नाम की कंपनी ने किया है और इसको बनाने की लागत 2989 करोड़ रुपए आई है
- इस प्रतिमा को इतना मजबूत बनाया गया है कि यह 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आ रही आंधी को झेल सकती है, अगर भूकंप आया तो यह रिएक्टर स्केल 6.5 तीव्रता का झटका सह सकती है
- सरदार पटेल की इस प्रतिमा का डिजाइन नोएडा के मूर्तिकार राम वी सूतर ने तैयार किया है, इसके लिए उन्होंने सरदार पटेल की लगभग 2000 पुरानी तस्वीरों का अध्ययन किया। प्रतिमा को दूर से देखने पर ऐसा लगता है कि सरदार पटेल धीरे-धीरे सरदार सरोवर बांध की तरफ बढ़ रहे हों।
- प्रतिमा के अंदर एल एलिवेटर लगा हुआ है जो सैलानियों को प्रतिमा के मध्य तक लेकर जा सकता है, एक बार में एलिवेटर के जरिए 200 यात्रियों को लेकर जाया जा सकता है।
- इस प्रतिमा तक सैलानियों को पहुंचान के लिए गुजरात सरकार केवादिया शहर से प्रतिमा तक 3.5 किलोमीटर लंबा हाईवे भी तैयार कर रही है।
- प्रतिमा को तैयार करने के लिए देश के लाखों गांवों से लगभग 135 टन लोहा इकट्ठा किया गया था।
- सेल्फी के दीवानों के लिए इस प्रतिमा के नजदीक सरकार ने कुछ सेल्फी प्वाइंट भी तैयार किए हैं
- इस प्रतिमा को तैयार करने में सिर्फ 33 महीने का समय लगा है जबकि, चीन में बनी 153 मीटर ऊंची भगवाल बुद्ध की प्रतिमा को बनाने में 11 वर्ष लगे थे।