नई दिल्ली: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता शरद यादव ने मंगलवार को राज्य सभा से अयोग्य करार दिए जाने के एक दिन बाद लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। शरद ने ट्वीट किया, "मुझे राज्यसभा से अयोग्य घोषित किया गया क्योंकि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को हराने के लिए बनाए गए महागठबंधन को 18 महीने बाद सत्ता में बने रहने के लिए तोड़ दिया गया। अगर इस गैर-लोकतांत्रिक कार्यशैली के खिलाफ बोलना मेरी गलती है तो मैं लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।"
शरद ने पुष्टि की कि सोमवार रात उन्हें एक नोटिस भेजा गया। उन्होंने कहा, "मुझे मेरी पत्नी ने सूचित किया था कि रात लगभग 10 बजे एक नोटिस आया था।" उन्होंने कहा कि नोटिस 15 पृष्ठों से अधिक का है, इसलिए वह इस पर बाद में टिप्पणी करेंगे। उपराष्ट्रपति व राज्यसभा अध्यक्ष एम. वैंकेया नायडू ने सोमवार को यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता रद्द कर दी थी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जद (यू) गुट ने यादव और अंसारी की अयोग्यता के लिए याचिका दायर की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ फिर से जुड़ने के लिए राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस संग अपने महागठबंधन को तोड़ दिया था, जिसके बाद शरद, अंसारी और जदयू का एक धड़ा नीतीश से अलग हो गया था। पिछले महीने निर्वाचन आयोग ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाले गुट को ही असली पार्टी बताया था और उसे चुनाव चिन्ह तीर का इस्तेमाल करने की अनुमति भी दी थी।