मुंबई. लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न प्रवासी श्रमिक संकट को लेकर केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफाईकर्मियों के पैर धोकर जो मानवता दिखाई थी, वह अब समाप्त प्रतीत होती है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में राउत ने अपने साप्ताहिक लेख में लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में चार सफाईकर्मियों के पैर धोकर हमें मानवता दिखाई थी। ऐसा लगाता है कि यह मानवता पिछले तीन महीने में समाप्त हो गई है।’’
पीएम मोदी ने प्रयागराज में कुम्भ मेले के दौरान सफाई कर्मचारियों के पैर धोए थे। राउत ने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों को उनके घर छोड़कर जाने और अपने ही देश में शरणार्थियों की तरह रहने के लिए मजबूर करने के मामले का कई बार राजनीतिकरण किया गया। आज करीब छह करोड़ प्रवासी श्रमिक उन्हीं की तरह रहने के लिए मजबूर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एडोल्फ हिटलर की निर्दयता और यहूदियों के प्रति उसके व्यवहार पर नाराज होने वाले लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने इन प्रवासी श्रमिकों के लिए क्या किया। यदि सत्तारूढ़ सरकार सभी राज्यों में इन प्रवासी श्रमिकों के दु:ख से विचलित नहीं हुई है, तो इस कोरोना वायरस ने मानवता को समाप्त कर दिया है।’’
उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करने के बजाय राज्यपाल बी एस कोश्यारी से ‘‘बार-बार’’ मुलाकात करने को लेकर भाजपा नेताओं पर भी निशाना साधा। राउत ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में विपक्ष बार-बार दावा कर रहा है कि ठाकरे नीत सरकार नाकाम रही हैं। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उत्तर प्रदेश और गुजरात की सरकारें कोरोना वायरस के मामलों को काबू करने में सबसे अधिक नाकाम रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के रहने वाले हैं, इसलिए वे इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।’’
उन्होंने कहा कि जहां तक कोरोना वायरस और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रतिकूल असर की बात है, तो सभी एक ही नौका पर सवार हैं। ‘‘हमें इस संक्रमण को काबू करने के लिए मिलकर काम करना होगा।’’