नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर संवेदनशील मुद्दों पर भी गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को दावा किया कि वह लखीमपुर खीरी की हिंसक घटना को अपनी पार्टी की डूबती नैया बचाने के एक मौके के रूप में देख रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राहुल गांधी ने पुनः वही किया जो वह हर बार करते हैं। गैर जिम्मेदाराना रवैया राहुल गांधी का दूसरा नाम हो गया है। शांति भंग करना और भ्रम फैलाना यही राहुल गांधी का मुख्य उद्देश्य रह गया है।"
भाजपा की यह प्रतिक्रिया राहुल गांधी के लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होने से पहले राजधानी स्थित पार्टी मुख्यालय में किए गए संवाददाता सम्मेलन के बाद आई। राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा, प्रियंका गांधी वाद्रा को हिरासत में लिए जाने और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं को उत्तर प्रदेश में जाने से रोके जाने की पृष्ठभूमि में दावा किया कि भारत में लोकतंत्र हुआ करता था, लेकिन अब तानाशाही है। उन्होंने बताया कि वह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ित परिवारों से मिलने का प्रयास करेंगे।
भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि राहुल गांधी का किसानों, व्यापारियों या देश के किसी अन्य वर्ग से कोई लेना -देना नहीं है बल्कि उनका मकसद गांधी परिवार को बचाना है। उन्होंने कहा, "गांधी परिवार का किसी से लेना-देना नहीं है। उनका केवल अपने परिवार से ही लेना-देना है। परिवार की साख बची रहे, परिवार की नैया ना डूबे इसलिए गांधी परिवार लखीमपुर खीरी की घटना को मौके के रूप में देख रहा है।"
पात्रा ने कहा कि देश में लोकतंत्र मौजूद है तभी राहुल गांधी संवाददाता सम्मेलन कर पा रहे हैं और भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ "अनर्गल" आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को उस समय लोकतंत्र क्यों नजर नहीं आता, जब उनकी ही पार्टी के नेता कपिल सिब्बल द्वारा सवाल उठाए जाने पर कांग्रेस के कार्यकर्ता उनके घरों में तोड़फोड़ करते हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पर चयनात्मक राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पात्रा ने पूछा कि पिछले दिनों राजस्थान के हनुमानगढ़ में धान की खरीदी के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हुए लाठी चार्ज में घायलों का हाल क्यों नहीं जाना। सरकार द्वारा किसानों पर "संस्थागत हमले" के राहुल गांधी के आरोपों के जवाब में भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद किसानों का "संस्थागत विकास" हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर आठ साल तक कुंडली मारे बैठे और उन्हें लागू नहीं करने वाले राजनीतिक दल यह सवाल उठा रहे हैं।