लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आज से शुरू हो रही उत्तर प्रदेश की दो दिवसीय यात्रा से पहले ही 340 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को लेकर ऐसा लगता है कि सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी सपा के बीच श्रेय लेने की होड मच गयी है। मोदी का आज एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करने का कार्यक्रम है। मोदी वाराणसी से आजमगढ पहुंचेंगे और एक्सप्रेसवे परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इस परियोजना को लेकर भाजपा—सपा के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है। सपा का कहना है कि यह परियोजना पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दिमाग की उपज थी।
छह लेन के एक्सप्रेसवे को आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। यह राजधानी लखनऊ को गाजीपुर से जोडेगा। भाजपा 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पूर्वांचल में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयत्न कर रही है। परियोजना को लेकर लगता है कि सपा इसका श्रेय लेने के लिहाज से आक्रामक हो गयी है। भाजपा ने सपा पर पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप मढा है, जिससे सपा ने इंकार करते हुए पलटवार किया कि भाजपा सरकार बगैर 'विजन' वाली सरकार है।
भाजपा प्रवक्ता चंद्रमोहन ने भाषा से कहा कि योगी सरकार पारदर्शिता में यकीन करती है और जन कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। अन्य दल भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं । हमारा प्रयास भ्रष्टाचार समाप्त करना है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। उधर सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि सपा सरकार का अपना विजन था जबकि भाजपा सरकार का कोई विजन नहीं है । वह सपा सरकार द्वारा किये गये कार्यों को अपना बता रही है।
प्रस्तावित शिलान्यास के विरोध में सपा नेता बलराम सिंह यादव के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने आजमगढ जिला कलेक्ट्रेट परिसर में कल प्रदर्शन किया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पूर्वी जिलों के विकास में सहायक होगा। इससे पूर्वांचल का इलाका राजधानी लखनऊ और फिर लखनउ—आगरा एक्सप्रेसवे के जरिए आगरा तथा उसके बाद यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक जुड जाएगा।
सपा का कहना है कि 22 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव परियोजना का शिलान्यास कर चुके हैं। सपा के मुताबिक उस समय अखिलेश ने कहा था कि इस एक्सप्रेसवे के बनने के साथ ही राज्य के पूर्वी जिले यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए नयी दिल्ली से जुड जाएंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।