जयपुर: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को कम से कम जोधपुर सीट पर पार्टी की हार की जिम्मेदारी तो लेनी ही चाहिए क्योंकि वे वहां शानदार जीत का दावा कर रहे थे। इसके साथ ही गहलोत ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की बातें मीडिया में लीक होने पर भी नाराजगी जताई है। गहलोत के इस बयान को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री पायलट के साथ उनकी कथित खींचतान के बढ़ने के रूप में देखा जा रहा है। गहलोत ने पहली बार पायलट के बारे में ऐसी बात कही है।
एक टीवी चैनल को साक्षात्कार के दौरान जब गहलोत से पायलट के उस बयान के बारे में पूछा गया कि वैभव गहलोत को टिकट देने की सिफारिश खुद उन्होंने (पायलट ने) की थी तो गहलोत ने कहा,' उन्होंने (पायलट ने) अच्छी बात कही ... मीडिया में गलतफहमी पैदा होती है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री की नहीं बनती । पर अगर सचिन पायलट जी यह बात कहते हैं कि मैंने वैभव गहलोत को जोधपुर सीट से टिकट देने के लिए जमानत दी तो ...हमारे मतभेद कहां हैं यह समझ से परे हैं।'
गहलोत ने आगे कहा,' ...अभी दस दिन पहले भी पायलट साहब ने कहा कि कांग्रेस जोधपुर की सीट पर बहुत भारी बहुमत से जीतेगी। हमारे वहां छह विधायक हैं, हमने शानदार प्रचार किया तो मैं समझता हूं कि पायलट साहब कम से कम उस सीट की जिम्मेदारी तो लें...जोधपुर की सीट का पूरा पोस्टमार्टम होना चाहिए कि हम लोग क्यों नहीं जीते।'
साक्षात्कार में गहलोत से पूछा गया' आपको लगता है कि जोधपुर की जिम्मेदारी पायलट की बनती है तो मुख्यमंत्री बोले,'.. जब उन्होंने कहा था कि शानदार जीत हो रही है टिकट मैंने दिलवाया है और जीतेंगे हम लोग ... अब 25 सीटें जब हम हार गए तो मैं समझता हूं कि इसकी जिम्मेदारी कोई पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ले या मुख्यमंत्री ले। ये जिम्मेदारी तो सामूहिक होती है...सब राज्यों में जिस रूप में करारी हार हुई है वह समझ से परे है।'
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं और सभी पर भाजपा नीत राजग ने जीत दर्ज की है। जोधपुर सीट पर मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भाजपा उम्मीदवार गजेंद्र शेखावत ने 2.7 लाख मतों से हराया। लोकसभा चुनाव में हार के बाद नयी दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। मीडिया में आई कुछ खबरों के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा अपने बेटों को टिकट को लेकर दबाव बनाने पर नाराजगी जताई थी। कांग्रेस कार्यसमिति की बातें मीडिया में आने को लेकर गहलोत ने कहा
" जिन्होंने बाहर आकर ये बातें की हैं उन्होंने अपना धर्म नहीं निभाया।... सबको मालूम हैं कि कार्यसमिति की एक पवित्रता है। कार्यसमिति में ऐसे लोग ही आने चाहिए जिनमें माद्दा हो कि वे कार्यसमिति की प्रक्रिया की गोपनीयता बनाए रखें। उसके बाद भी आप बाहर आकर मीडिया को जानकारी देंगे और संदर्भ से हटकर जानकारी देंगे तो उसे उचित नहीं कहा जा सकता। जिनके राजनीतिक स्वार्थ होते हैं वे ही इसे हवा देते हैं।"
राजस्थान कांग्रेस में खेमेबाजी के सवाल पर गहलोत ने कहा गहलोत ने कहा,' प्रचार में कोई खेमेबाजी नहीं थी। हमने मिलकर प्रचार किया, लेकिन किसके दिल में क्या है यह तो कोई कह नहीं सकता। हमाने शानदार प्रचार अभियान चलाया। बहुत व्यवस्थित चुनाव लड़ा गया। अगर कोई चुनाव जीतता तो जीत में हिस्सेदारी सब मांगते हैं यह पुरानी कहावत है। हारते हैं तो जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं होता। सामूहिक नेतृत्व में चुनाव होता है।'